प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) के वाराणसी दौरे को लेकर सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का एक विवादित बयान सामने आया है. पीएम मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) का लोकार्पण किया है. साथ ही वो कई अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शामिल हुए हैं. अखिलेश यादव से जब पीएम मोदी के लंबे वक्त बनारस में रहने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, एक महीना, दो महीना, तीन महीने वही रहें. बहुत अच्छी बात है. वह जगह रहने वाली है. आखिरी समय में वही रहा जाता है बनारस में.
बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि अखिलेश यादव का यह बयान शर्मनाक है. आज जब विश्वनाथ धाम के विस्तार का इतना विशिष्ट काम हुआ है, तब प्रधानमंत्री के लिए मृत्यु की इच्छा जताना, उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है. चुनाव में दिख रही हार से बौखलाए अखिलेश अपना संतुलन खो बैठे हैं.
यूपी सरकार में मंत्री सिद्दार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि जो भारतीय संस्कृति से प्रेरित होते हैं वो अपने दुश्मनों का भी बुरा नहीं सोचते, लेकिन जो जिन्ना संस्कृति से प्रेरित होते हैं, वो ही ऐसी भाषा बोल सकते हैं, अखिलेश जी के बारे में अब क्या बोलें, वो तो जिन्ना संस्कृति से ही प्रेरित हैं.
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी के हाल ही में यूपी के कई दौरे हुए हैं. इस दौरान उन्होंने सपा पर निशाना साधा है. वहीं अखिलेश यादव ने परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए हैं. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का जब पीएम मोदी ने उद्घाटन किया था तो अखिलेश ने कहा था कि यह प्रोजेक्ट तो सपा सरकार ने शुरू किया था और बीजेपी इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रही है.
PM भाषा बिगाड़ रहे हैं, वादे नहीं निभाए, इसलिए बदली भाषा : लाल टोपी वाले बयान पर अखिलेश यादव
वहीं सरयू नहर परियोजना को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग हुई थी. सपा प्रमुख ने कहा था कि यह परियोजना भी उनके शासनकाल में शुरू हुई थी और बीजेपी की आदत फीता काटकर श्रेय लेने की है. इससे पहले गोरखपुर रैली में पीएम मोदी ने लाल टोपी का जिक्र करते हुए सपा पर निशाना साधा था. उनके इस बयान को पीएमओ ने PMO India के टि्वटर हैंडल पर ट्वीट भी किया था.
इसमें कहा गया था, आज पूरा यूपी भलीभांति जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, आपकी दुख-तकलीफों से नहीं. लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए : PM@narendramodi" "लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकियों पर मेहरबानी के लिए और जेल से छुड़ाने के लिए. इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानी खतरे की घंटी."
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पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री भाषा बिगाड़ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने वादे पूरे नहीं किए, इसलिए उन्हें भाषा बदलनी पड़ी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, 'ये लाल रंग भावनात्मक रंग है, लाल रंग क्रांति और बदलाव का प्रतीक है. पीएम जानते हैं इस बार यूपी में बदलाव होने जा रहा है.'