समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए लोकसभा में बीजेपी पर जमकर बरसे. महाकुंभ एक्सप्रेस-वे, दिल्ली मेट्रो से लेकर चीन के मुद्दे तक अखिलेश यादव ने बीजेपी को घेरा. इस दौरान अखिलेश ने कांग्रेस पार्टी को भी नहीं छोड़ा और उन्हें भी खरी-खरी सुनाई. अखिलेश यादव ने कहा कि अगर कांग्रेस ने तब हमारी बात मानी होती, तो आज हमें जातीय जनगणना के मुद्दे पर यहां खड़े होकर मांग नहीं करनी पड़ रही होती. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच कोई टकराव नहीं है.
...तब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर नहीं दिया गया ध्यान
अखिलेश यादव ने कहा कि जब भारत के बाजारों को खोला गया यानि आर्थिक उदारीकरण का दौर शुरू हुआ, तब उतना ध्यान हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर नहीं रखा गया. उस समय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर जितना ध्यान दिया जाना है, उतना दिया गया होता, तो आज हम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीन से आगे बढ़ गए होते. अखिलेश का ये तंज कांग्रेस सरकार पर था, क्योंकि जब भारत के बाजारों को दुनियाभर के लिए खोला गया, तब देश में कांग्रेस की अल्पमत की सरकार थी और नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे.
अगर कांग्रेस साथ देती, तो आज मांगना न पड़ता
अखिलेश यादव ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, 'आरक्षण के मुद्दे पर उत्तर से दक्षिण भारत तक कई ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया और आज हम उसी को आगे लेकर जा रहे हैं. बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा लिखित जो संविधान है, उसके तहत हमें जो हक और अधिकार मिले हैं, आरक्षण की जो व्यवस्था है, उसे और मजबूत बनाने के लिए हमें जातिगत जनगणना की आवश्यकता है. इसके पक्ष में अब तो कांग्रेस पार्टी भी है. एक समय था, जब कांग्रेस पार्टी उस पक्ष में नहीं थी. मैं यह बड़ी जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि अगर उसी समय कांग्रेस पार्टी भी जातिगत जनगणना के पक्ष में होती तो, आज हमें आपके सामने खड़ा नहीं होना पड़ता, इसके लिए मांग नहीं करनी पड़ती.'
एक इंजन ने दूसरे को कभी नमस्ते नहीं किया...
अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं अपने कांग्रेस पार्टी के सदस्यों से भी कहना चाहूंगा कि हम आपके साथ ही हैं, और इस मुद्दे पर तो हम आपके साथ और आपसे आगे चलकर भी आपका साथ दे देंगे. अब जातिगत जनगणना को कोई नहीं रोक सकता है. इस बीच किसी सांसद ने टोका, तो अखिलेश ने कहा- कोई(कांग्रेस से) टकराव नहीं, आपके इंजन जैसे नहीं हैं. एक इंजन ने दूसरे इंजन को कभी नमस्कार नहीं किया था. ये बात किसी से छिपी नहीं है.'
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