अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के लिए जेडीयू, टीएमसी, बीआरएस और समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियों के बीच बैठकों का दौर जारी है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्षी एकता को मजबूती देने के इरादे से कुछ दिन पहले कहा था कि वह कांग्रेस को उन्हीं जगहों पर समर्थन करने के लिए तैयार हैं जहां कांग्रेस मजबूत है. अब इस कड़ी में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी एक बड़ा बयान दिया गया है. जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि क्या आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, केसीआ और बहुत से दल इसी कोशिश में हैं कि कोई रास्ता निकले. जो दल जहां मजबूत है वहां उसी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा.
"यूपी निकाय चुनाव में ताकत का हुआ गलत इस्तेमाल"
यूपी निकाय चुनाव परिणा को लेकर भी अखिलेश यादव ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि कन्नौज में बीजेपी ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है. कुछ अधिकारी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे थे. हमारी पार्टी के कार्यकर्ता के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया. निकाय चुनाव के दौरान हजारों की संख्या में यहां फर्जी आधार कार्ड भी मिले हैं. अब बताइये जिस योजना के लिए बीजेपी लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रही है ताकि किसी की पहचान ना चोरी हो सके. उसी योजना का यहां माखौल बनाते हुए बड़ी संख्या में फर्जी आधारकार्ड भी मिले हैं.
ममता ने टीएमसी का रुख किया साफ
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में होगी, वहां उसका समर्थन करेगी. यह पहली बार था कि जब बनर्जी ने आगे की चुनाव को ध्यान में रखते हुए विपक्षी एकता के लिए संभावित रणनीति पर तृणमूल कांग्रेस के रुख को लेकर स्थिति साफ की है.बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा था कि जहां भी कांग्रेस मजबूत है, उन्हें लड़ने दीजिए. हम उन्हें समर्थन देंगे, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. लेकिन उन्हें अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन करना होगा.
विपक्ष की एकजुटता के लिए पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी की नई रणनीति