अखिलेश बोले योगी ‘घुसपैठिया’, लेकिन अटल-आडवाणी, शरद यादव जैसे दिग्गज भी दूसरे राज्य से बने थे नेता

अखिलेश यादव ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को “घुसपैठिया” कहा तो सियासत में भूचाल आ गया. लेकिन भारतीय राजनीति में ऐसे कई दिग्गज हैं जिन्होंने अपने जन्म राज्य से बाहर जाकर चुनाव लड़ा और प्रधानमंत्री तक की कुर्सी पर पहुंचे. आइए जानते हैं ऐसे कुछ नेताओं की कैसी रही राजनीति.

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  • UP के पूर्व CM अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ को उत्तराखंड से घुसपैठिया बताया है
  • योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ, लेकिन राजनीतिक पहचान उन्होंने गोरखपुर से बनाई
  • कई दिग्गज नेताओं ने विभिन्न राज्यों से चुनाव लड़ा, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, शरद यादव, रामविलास पासवान
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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ को घुसपैठिया कहा है. अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री उत्तराखंड से हैं, उन्हें वहां भेज देना चाहिए. लेकिन ये सवाल केवल योगी पर नहीं रुकता. अगर हम पीछे देखें तो अटल बिहारी वाजपेयी, शरद यादव, रामविलास पासवान, मधु लिमये,कृष्ण आडवाणी,जॉर्ज फर्नांडिस, शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद जैसे नेताओं ने समय-समय पर अलग-अलग राज्यों से चुनाव लड़ा है. इस लिस्ट में कई दिग्गज नेताओं के नाम हैं.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. 

अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ में समाजवादी विचारक राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ न केवल उत्तराखंड से हैं बल्कि “विचारधारा के लिहाज से भी घुसपैठिया” हैं.

योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड में हुआ था

योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी पहचान गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में बनाई. 1998 में वे पहली बार गोरखपुर से सांसद बने और लगातार पांच बार संसद पहुंचे. गोरखनाथ मठ के प्रमुख होने के नाते उन्होंने पूर्वी यूपी की राजनीति में अपना अलग प्रभाव बनाया. 

अटल बिहारी वाजपेयी: MP में जन्में लखनऊ से बने कई बार सांसद

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में हुआ था. मगर उन्होंने लोकसभा का चुनाव लखनऊ (उत्तर प्रदेश) से लड़ा और वहीं से बार-बार जीते.  1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 हर बार लखनऊ की जनता ने उन्हें सिर-आंखों पर बैठाया. उनकी विनम्रता और जनसंपर्क ने उन्हें “लखनऊ का अटल” बना दिया. 

शरद यादव:  मध्य प्रदेश से निकले, बिहार में जमे

शरद यादव मूल रूप से मध्य प्रदेश के निवासी थे. लेकिन उनकी राजनीति का बड़ा अध्याय बिहार के मधेपुरा से लिखा गया. उन्होंने यहां से तीन बार लोकसभा चुनाव जीता और लालू प्रसाद यादव और उनके करीबियों को हराया.  शरद यादव बिहार से राज्यसभा सांसद भी बने. केंद्र में मंत्री रहने के दौरान भी उनका फोकस बिहार पर अधिक रहा. बिहार की राजनीति में वो लंबे समय तक समाजवादी धारा के सबसे बड़े नेता माने जाते रहे थे. 

लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात और दिल्ली से जीत दर्ज की

भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक नेता लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म कराची (अब पाकिस्तान में) हुआ. वो नई दिल्ली से सांसद बने. उन्होंने 1990 के दशक में भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने में केंद्रीय भूमिका निभाई. बाद में वो गुजरात के गांधीनगर सीट से चुनाव जीतते रहे थे. 

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 रामविलास पासवान ने भी यूपी में अजमाया था किस्मत

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान बिहार के खगड़िया जिले के रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने एक बार लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के बिजनौर चुनाव लड़ा था.  उस वक्त उन्होंने दलित राजनीति को एक नई दिशा दी और बाद में बिहार लौटकर वहां के सबसे प्रभावशाली नेताओं में शामिल हो गए. 

मधु लिमये:  बिहार के बांका से बने कई बार सांसद

मधु लिमये महाराष्ट्र के सतारा के रहने वाले थे. लेकिन वे दो बार बिहार के बांका से सांसद बने.  वे समाजवादी विचारधारा के प्रखर नेता थे और जेपी आंदोलन के दौरान एक अहम चेहरा बने.  1977 में जनता पार्टी की लहर में उन्होंने मजबूत जीत दर्ज की थी. 

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जॉर्ज फर्नांडिस: कर्नाटक में जन्में मुंबई और बिहार को बनाया कर्मक्षेत्र

कर्नाटक में जन्में प्रख्यात समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस ने पहले मुंबई में मजदूर यूनियन की राजनीति की बाद में जेपी आंदोलन के बाद वो बिहार पहुंचे और बिहार की मुजफ्फरपुर और नालंदा लोकसभा सीट से कई बार सांसद बने. इस दौरान वो बिहार कोटे से ही केंद्र में मंत्री बने. नीतीश कुमार के साथ मिलकर उन्होंने समता पार्टी का गठन भी किया था.

शत्रुघ्न सिन्हा: बिहार, दिल्ली और बंगाल तीन राज्यों से लड़ा चुनाव

बॉलीवुड से राजनीति में आए शत्रुघ्न सिन्हा का सफर काफी रोचक है. उन्होंने पटना साहिब (बिहार) से दो बार सांसद रहते हुए भाजपा की तरफ से चुनाव जीता. इससे पहले वो दिल्ली से चुनाव लड़ चुके थे.  2024 में पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से टीएमसी उम्मीदवार बनकर संसद पहुंचे. 

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कीर्ति आजाद ने चार राज्यों से मारा चौका

पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद, बिहार के दिग्गज नेता भागवत झा आजाद के बेटे हैं. उन्होंने भाजपा, कांग्रेस और टीएमसी तीनों दलों से अलग-अलग राज्यों में चुनाव लड़ा. उन्होंने दिल्ली, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल चार राज्यों में चुनावी मैदान आजमाया. 

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