किसी का कोई भगवान हो, हमारा भगवान पीडीए है : अखिलेश यादव

अखिलेश यादव अपने भाषणों और बयानों में अक्सर पीडीए का जिक्र करते हैं. वह दावा करते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पीडीए ही एनडीए (भाजपा की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को हराएगा.

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अखिलेश यादव ने कहरा कि उम्‍मीद है कि परिणाम ऐसा होगा कि जिसमें भाजपा का उत्तर प्रदेश से सफाया होगा. (फाइल)
लखनऊ:

पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) वर्गों के सहारे आगामी लोकसभा चुनाव में जीत की उम्मीद लगाये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार को कहा कि ''किसी का कोई भगवान हो, हमारा भगवान पीडीए है.'' यादव ने सपा राज्य मुख्यालय में पार्टी के मौजूदा और पूर्व विधायकों की बैठक से इतर संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर पीडीए की विरोधी होने का आरोप लगाया.

प्रदेश में हुई शिक्षक भर्ती में आरक्षण को कथित रूप से ठीक तरीके से लागू नहीं किये जाने के विरोध में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ''यह सरकार पीडीए के खिलाफ है. यह उन्हें कभी न्याय नहीं दे सकती . मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आरक्षण की जो मूल भावना थी यह सरकार उससे भी खिलवाड़ कर रही है. इसीलिए किसी का कोई भगवान हो हमारा भगवान पीडीए है.''

सपा प्रमुख ने प्रदर्शनरत लोगों से आह्वान किया, ''मैं उन सभी नौजवानों से कहूंगा कि अभी 100 दिन हैं. वे भाजपा को हराने के लिए निकल पड़ें.''

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उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में अन्य पिछड़े वर्गों का आरक्षण सही तरीके से लागू नहीं किये जाने का आरोप लगाते हुए अनेक अभ्यर्थी पिछले करीब डेढ़ साल से लखनऊ में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.

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यादव अपने भाषणों और बयानों में अक्सर पीडीए का जिक्र करते हैं. वह दावा करते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पीडीए ही एनडीए (भाजपा की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को हराएगा.

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बुलंदशहर के स्याना में 2018 में हुए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह हत्याकांड के आरोपी सचिन अहलावत को भाजपा द्वारा बीबी नगर मंडल अध्यक्ष बनाये जाने के बारे में पूछे गये सवाल पर यादव ने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि न्यायालय ऐसे अपराधियों को सजा देगा. जिस तरीके से गुजरात में जब सरकार ने बिल्कीस बानो के दोषियों को रिहा करने का फैसला लिया तो उच्चतम न्यायालय ने उस फैसले को पलट दिया, उसी तरह,हमें उम्मीद है कि ऐसे लोग, जिन पर आरोप हैं, उनको न्यायालय सजा देगा. हमें सरकार से उम्मीद नहीं है.''

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के दिन देशवासियों से अपने घर में दीपक जलाने की अपील के बारे में पूछे गये एक सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा, ''समाजवादियों को खुशी तभी होगी जब गरीबों के घर में खुशहाली आएगी. गरीब के बेटे को नौकरी मिलेगी तभी हम मानेंगे कि उसके घर में दीया जला है.''

कई शंकराचार्यों द्वारा अयोध्या में हो रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कथित रूप से विरोध किए जाने के सवाल पर अखिलेश ने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, ''हमारा रास्ता धर्म का नहीं है. हमारा रास्ता गैर बराबरी दूर करने का है. हमारा रास्ता वही है जो बाबा साहब भीमराव आंबेडकर और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने दिखाया. हम उसी रास्ते पर चलेंगे जिस पर नेताजी मुलायम सिंह यादव ने संघर्ष करके हम लोगों को चलाने का काम किया है.''

इस सवाल पर कि विश्व हिंदू परिषद के आलोक नामक किसी पदाधिकारी द्वारा उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया गया है, यादव ने कहा, ''मैं इनको नहीं जानता हूं, न मेरा इनसे कोई परिचय है, न मेरी उनसे कोई मुलाकात हुई होगी.''

इस सवाल पर कि वह कब राम मंदिर जाएंगे, यादव ने कहा, ''जब भगवान बुलाएंगे तब हम जाएंगे... और भगवान अब यही रहेंगे. वह कहीं नहीं जाएंगे.''

यादव ने बताया कि आज पार्टी के सभी मौजूदा और पूर्व विधायकों की बैठक में यह कहा गया है कि वे उन्हें पहले जितना वोट मिला था उससे बढ़कर इस बार सपा के प्रत्याशियों को दिलाएं तथा अगर पार्टी के पक्ष में उनका कोई सुझाव या राय हो तो दें.

उन्होंने कहा, ''हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश का परिणाम दूसरा होगा. परिणाम ऐसा होगा कि जिसमें भाजपा का उत्तर प्रदेश से सफाया होगा.

इस सवाल पर कि कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली और अमेठी के लिये सपा की क्या तैयारी है, सपा प्रमुख ने कहा, ''हमारे विधायकों ने हमें अमेठी और रायबरेली को लेकर भी राय दी है. उन पर हम विचार करेंगे.''

दिल्ली में विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) गठबंधन के तहत सीट के बंटवारे के मुद्दे पर कब तक कोई फैसला लिया जाएगा, इस पर अखिलेश ने कहा कि दिल्ली में जो बातचीत हो रही है उस पर पार्टी की तरफ से सुझाव दे दिए जाएंगे और उनसे भी सुझाव मांग लिए जाएंगे.

लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए दिल्ली की सात सीट के बंटवारे के लिए सोमवार को ‘इंडिया' गठबंधन के प्रमुख दल कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच बैठक हुई थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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