देश के पूर्वोत्तर हिस्से में बसे मिज़ोरम (Mizoram Assembly Elections 2023) राज्य के मिज़ोरम क्षेत्र में आइजोल जिले के भीतर आइज़ॉल पश्चिम 3 विधानसभा क्षेत्र आता है, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 21563 मतदाता थे, और जिन्होंने पिछले चुनाव में आईएनडी के उम्मीदवार वी.एल. ज़ैथनज़ामा को 6934 वोट देकर जिताया था, और विधायक बनाया था, जबकि एमएनएफ के उम्मीदवार वैनलज़ामा को 5908 मतदाताओं का भरोसा मिल सका था, और वह 1026 वोटों से चुनाव में पराजित हो गए थे.
इससे पहले, वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में आइज़ॉल पश्चिम 3 विधानसभा सीट से एमएनएफ के उम्मीदवार वैनलज़ामा ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 5765 मतदाताओं ने समर्थन दिया था. विधानसभा चुनाव 2013 में इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार आर. सेल्थुमा को 4787 वोट मिले थे, और वह 978 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रह गए थे.
इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में आइज़ॉल पश्चिम 3 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार आर.सेल्थुमा को कुल मिलाकर 5233 वोट मिले थे, और उन्हें जीत हासिल हुई थी, जबकि एमपीसी के प्रत्याशी कर्नल. लालचुंगनुंगा सेलो दूसरे स्थान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 4120 वोटरों का ही समर्थन मिल सका था, और वह 1113 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव में पिछड़ गए थे.
पूर्वोत्तर भारत के मिज़ोरम सूबे में वर्ष 2018 में हुए चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में लम्बे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. 40-सदस्यों वाली विधानसभा में मिज़ो नेशनल फ़्रंट (MNF) को सबसे अधिक 27 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस को महज़ चार सीटों पर सफलता मिली थी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक और निर्दलीय उम्मीदवारों ने आठ सीटों पर बाज़ी मारी थी. विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की ज़ोरदार जीत के बाद मिज़ो नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष ज़ोरमथांगा राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. गौरतलब है कि साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को राज्य में शानदार जीत मिली थी, और उसके प्रत्याशी राज्य की कुल 40 में से 34 सीटों पर चुनाव जीते थे. इससे पहले, वर्ष 2008 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने ही सफलता का परचम लहराया था. मिज़ोरम भारत के आठ पूर्वोत्तर राज्यों में से एक है. 20 फरवरी, 1987 को भारत के 23वें राज्य के रूप में इसका गठन किया गया था. इससे पहले यह एक केंद्रशासित प्रदेश था.