कोरोना काल के बीच हवाई यात्रा (Airfare) के लिए यात्रियों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ ही रही थी कि यूक्रेन मुद्दे पर वैश्विक तनाव ने कच्चे तेल के दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं. इस कारण विमानों के ईंधन के दाम भी बुधवार को 5.2 फीसदी बढ़ा दिए गए. एयरलाइन (Airlines_ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे हवाई किराया (Flight Passenger) और महंगा हो सकता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी की वजह से विमान ईंधन (ATF) की कीमतों में बुधवार को 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसके बाद देश में एटीएफ के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. दो महीने से भी कम समय में एटीएफ की कीमतों में यह चौथा इजाफा है, लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार 103वें दिन स्थिर बनी रहीं.
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माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. हालांकि इस बारे में तेल गैस विपणन एजेंसी सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कह रही हैं.सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि दिल्ली में एटीएफ की कीमत 4,481.63 रुपये प्रति किलोलीटर या 5.2 प्रतिशत बढ़कर 90,519.79 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है, यह एटीएफ का अब तक का सबसे ज्यादा दाम है.
एटीएफ की कीमत अगस्त 2008 में 71,028.26 रुपये प्रति किलोलीटर थी, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 147 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल को छू गई थीं. ब्रेंट क्रूड तेल का भाव मंगलवार को 93.87 डॉलर प्रति बैरल पर था.माना जा रहा है कि अगर यूक्रेन मुद्दे पर तनाव जल्द नहीं घटा तो कच्चे तेल का दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है. विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दामों में भी तेज बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. यूक्रेन मुद्दे के कारण कई विदेशी रूट पर हवाई किराया पहले ही बढ़ चुका है.