- दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता के 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की आशंका
- प्रदूषण से निपटने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी करनी होगी : अनुमिता चौधरी
- इमरजेंसी एक्शन सिर्फ समस्या को रोकने में मददगार साबित होता है
दिल्ली में प्रदूषण (Pollution in Delhi) का संकट लगातार बना हुआ है. सर्दियों के मौसम में हर साल की तरह इस बार भी प्रदूषण से लोग परेशान हैं. वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है. अब यह संकट और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में प्रदूषण संकट (Pollution Crisis) को लेकर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक और पर्यावरण वैज्ञानिक अनुमिता रॉय चौधरी ने एनडीटीवी से बात की. उन्होंने आगामी कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता के 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की आशंका जताई है.
उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक आज और अगले दो दिन तक दिल्ली-एनसीआर इलाके में प्रदूषण बहुत खराब कैटेगरी में रहेगा. उन्होंने कहा कि उसके बाद फिर से मौसम में बदलाव आएगा और तब हम शायद फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच जाएं.
चौधरी ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए हमें अभी से बड़े स्तर पर तैयारी करनी होगी. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी एक्शन सिर्फ समस्या को रोकने में मददगार साबित होता है.
दिल्ली में प्रदूषण का एक कारण पंजाब में पराली जलाने को भी माना जाता है. ऐसे में उन्होंने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं, पुलिस ने बड़े स्तर पर मामले भी दर्ज किए हैं. पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों पर फाइन लगाया गया है. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि आप दिल्ली में कितने एसयूवी ड्राइवरों पर फाइन लगा रहे हैं?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर इलाके में प्रदूषण का संकट बना हुआ है, क्योंकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक पा रही हैं. इसकी वजह है कि हमारे पास समाधान तो है, लेकिन बड़े पैमाने पर हम इसको लागू नहीं कर पा रहे हैं. पंजाब में विशेष मशीन आई हैं, लेकिन हर किसान के पास हमें इसे कम कीमत और समय पर पहुंचाना होगा.
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