दिल्ली-NCR में कुछ राहत की सांस, कई जगहों पर 300 के नीचे पहुंचा AQI

प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि स्कूलों को छोड़कर सभी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ग्रैप-4 उपाय 2 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे.

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अक्टूबर के बाद दिल्ली की हवा में हुआ थोड़ा सा सुधार.
नई दिल्ली:

दिल्ली-NCR की हवा में थोड़ा सुधार हो रहा है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 से नीचे आ गया है. आज राष्ट्रीय राजधानी के अधिकतर इलाकों में सोमवार सुबह 6 बजे एक्यूआई 300 से कम दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, अलीपुर में एक्यूआई 267, अशोक विहार में 284, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 262, चांदनी चोक में 190, डीटीयू में 227, दिल्ली- सीपीसीबी में 227, डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में 295, दिल्ली - डीपीसीसी में 295, आईजीआई एयरपोर्ट (T3) में 271, ITO में 266,  लोधी रोड में 233 दर्ज किया गया. वहीं आनंद विहार में एक्यूआई- 304, द्वारका-सेक्टर 8- 308 और जहांगीरपुरी में 310 दर्ज किया गया है.

बता दें शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 से 200 के बीच ‘मध्यम', 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब' तथा 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.'

अक्टूबर के बाद हुआ हवा में सुधार

30 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई थी. लगातार 15 दिनों तक इसी तरह रही रही थी. उसके बाद यह और बिगड़कर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई थी. हालांकि दिसंबर की शुरुआत में ही इसपर असर पड़ा है और अब एक बार फिर से वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'खराब' श्रेणी में आ गई है.

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प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि स्कूलों को छोड़कर सभी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ग्रैप-4 उपाय 2 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे. दरअसल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के तहत प्रदूषण विरोधी उपाय लागू करता है . 

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जानें GRAP के बारे में

  • GRAP प्रणाली साल 2017 में शुरू की गई थी और यह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर के आधार पर लागू की जाती है.
  • GRAP के पहले और दूसरे चरण (एक्यूआई 201 से 400 तक) के प्रतिबंध दिशा-निर्देशों, धूल नियंत्रण और डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक पर केंद्रित होते हैं.
  • तीसरे चरण (एक्यूआई 401-450 तक) के तहत शहर में सभी गैर-जरूरी निर्माण और वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है.
  • चौथे चरण (एक्यूआई 450 से ऊपर) के तहत सभी निर्माण-विध्वंस गतिविधियों और गैर-जरूरी ट्रक एवं बीएस-IV डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के साथ घर से काम करने की सुविधा देने की सलाह दी जाती है.

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