20% टाइप 2 डायबिटीज का कारण है वायु प्रदूषण : स्टडी

प्रमुख मेडिकल जर्नल लैंसेट के एक अध्ययन में बताया गया है कि टाइप 2 मधुमेह के 20% मामले पीएम 2.5 प्रदूषकों के लगातार संपर्क से जुड़े हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
2022 में भारत सबसे प्रदूषित देशों की सूची में 8वें स्थान पर था.
नई दिल्ली:

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि पीएम 2.5 पार्टिकुलेट मैटर के साथ प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है, जो बालों के एक कतरे से 30 गुना पतला होता है. प्रमुख मेडिकल जर्नल लैंसेट के एक अध्ययन में बताया गया है कि टाइप 2 मधुमेह के 20% मामले पीएम 2.5 प्रदूषकों के लगातार संपर्क से जुड़े हैं. ये सूक्ष्म प्रदूषक तेल, डीजल, बायोमास और गैसोलीन को जलाने से उत्सर्जित होते हैं. भारत में बढ़ते प्रदूषण और एक बड़ी आबादी के हानिकारक वायु के संपर्क में आने के कारण इस अध्ययन के व्यापक प्रभाव हैं.

लैंसेट स्टडी

पीएम 2.5 प्रदूषक को अक्सर किलर कहा जाता है और यह शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख घटक है. अध्ययन से पता चलता है कि कुछ समय के लिए भी पीएम 2.5 के संपर्क में आने से आपका ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम ट्रिगर होता है और इससे इंसुलिन प्रतिरोध का खतरा बढ़ जाता है, जो हृदय रोगों के खतरे को भी बढ़ाता है. 

अध्ययन में पाया गया है कि पीएम 2.5 प्रदूषकों के मासिक संपर्क में रहने से रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होती है और लंबे समय तक (लगभग एक वर्ष) संपर्क में रहने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा 20% तक बढ़ सकता है. वायु प्रदूषण और मधुमेह के बीच संबंध निम्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के पुरुषों में अधिक है. साक्ष्य बताते हैं कि PM 2.5 मधुमेह से ग्रस्त और मधुमेह रहित दोनों ही आबादी में क्रोनिक किडनी रोग से जुड़ा है.

Advertisement

लगभग 537 मिलियन लोग टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित हैं और उनमें से आधे लोग इस बात से अनजान हैं कि वे मधुमेह से पीड़ित हैं. वहीं डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के अनुमानित 77 मिलियन लोग मधुमेह (टाइप 2) से पीड़ित हैं और लगभग 25 मिलियन प्रीडायबिटीज (भविष्य में मधुमेह विकसित होने का अधिक खतरा) हैं.

Advertisement

भारतीय शहरों में प्रदूषित हवा

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार, बिहार का बेगुसराय दुनिया के सबसे प्रदूषित महानगरीय क्षेत्र के रूप में उभरा, जबकि दिल्ली को सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले राजधानी शहर के रूप में पहचाना गया. राष्ट्रीय राजधानी 2018 के बाद से चार बार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी का दर्जा प्राप्त कर चुकी है.

Advertisement

स्विस संगठन IQAir द्वारा विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 के अनुसार, औसत वार्षिक PM2.5 सांद्रता 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ, भारत 2023 में बांग्लादेश (79.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और पाकिस्तान (73.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) के बाद 134 देशों में से तीसरी सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला देश था. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
'Ground Zero' Film पर Emraan Hashmi का Interview, Pahalgam Terror Attack पर Pakistan को दिया जवाब
Topics mentioned in this article