फ्यूल कंट्रोल स्विच पर अमेरिकी रिपोर्ट, एयर इंडिया का जवाब, कहा-यह सिर्फ सलाह थी, अनिवार्य नहीं था 

AAIB की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्‍ट्रेशन (FAA) ने साल 2018 में ' फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सुविधा पर एक बुलेटिन जारी किया था.

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  • एयर इंडिया की फ्लाइट A171 टेक ऑफ के तुरंत बाद क्रैश हुई जिसमें 260 लोगों की मौत हुई, इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच कटऑफ स्थिति में थे.
  • FAA ने 2018 में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सुविधा पर सलाहात्मक बुलेटिन जारी किया था, जिसे एयर इंडिया ने अनिवार्य न मानकर निरीक्षण नहीं किया.
  • दुर्घटना में विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच एक सेकंड में रन से कटऑफ स्थिति में चले गए और फिर रन स्थिति में लौटे.
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नई दिल्‍ली:

अहमदाबाद में क्रैश हुई एयर इंडिया की फ्लाइट A171 की शनिवार तड़के आई एक शुरुआती जांच रिपोर्ट के अनुसार में कहा गया है कि एयर इंडिया की फ्लाइट जो टेक ऑफ करने  के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी और जिसमें 260 लोग मारे गए थे, उसके इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच को कुछ ही क्षण पहले 'रन' से 'कटऑफ' स्थिति में ले जाया गया था. 

अनिवार्य नहीं थे निरीक्षण 

भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्‍ट्रेशन (FAA) ने साल 2018 में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सुविधा पर एक बुलेटिन जारी किया था. हालांकि इस चिंता को 'असुरक्षित स्थिति' नहीं माना गया जिसके लिए बहुत ज्‍यादा गंभीर निर्देश की जरूरत होती. एयर इंडिया ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने सुझाए गए निरीक्षण नहीं किए क्योंकि वे 'सलाहात्मक थे और अनिवार्य नहीं थे'. 

फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजनों में फ्यूल के फ्लो को नियंत्रित करते हैं. एयर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अहमदाबाद से लंदन जा रहा था जब यह क्रैश हो गया. इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों की मौत हो गई थी जबकि सिर्फ एक यात्री जिंदा बच गया था. इसके अलावा जमीन पर भी 19 लोगों की मौत हो गई थी. 

दिसंबर 2018 में दी जानकारी 

शुरुआती जांच प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है, 'एफएए ने 17 दिसंबर, 2018 को फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग फैसिलिटी के संभावित डिसइंगेजमेंट के संबंध में स्‍पेशल एयरवर्दीनेस इनफॉर्मेशन बुलेटिन (एसएआईबी) नंबर एनएम-18-33 जारी किया.' रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया ने एयरक्राफ्ट पर सभी उड़ान योग्यता निर्देशों और अलर्ट सेवा बुलेटिनों का पालन किया था. 

इसमें कहा गया है, 'यह एसएआईबी मॉडल 737 एयरक्राफ्ट ऑपरेटर्स की रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया था कि फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सुविधा के बिना ही लगाए गए थे. उड़ान योग्यता संबंधी चिंता को ऐसी असुरक्षित स्थिति नहीं माना गया जिसके लिए एफएए द्वारा उड़ान योग्यता निर्देश (एडी) जारी किया जाना आवश्यक हो.' 

एयर इंडिया से मिली जानकारी के अनुसार, सुझाए गए निरीक्षण नहीं किए गए क्योंकि एसएआईबी केवल एडवाइजरी था और मैनडेटरी नहीं था. रखरखाव रिकॉर्ड की जांच से पता चला कि वीटी-एएनबी पर थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल 2019 और 2023 में बदला गया था. फ्यूल स्विच की दो स्थितियां होती हैं - 'रन' और 'कट ऑफ' - और इनका उपयोग इंजन को चालू या बंद करने के लिए किया जाता है. 

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15 पेज की है AAIB की रिपोर्ट 

अपनी 15-पेज की रिपोर्ट में जांच ब्‍यूरो ने कहा है कि जैसे ही एयरक्राफ्ट ने अपनी अधिकतम दर्ज गति हासिल की की, 'इंजन 1 और इंजन 2 के फ्यूल कटऑफ स्विच 01 सेकेंड में ही एक के बाद एक रन से कटऑफ स्थिति में बदल गए'. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्विच फिर 'रन' स्थिति में आ गए और इंजन पावर इकट्ठा करते हुए दिखाई दिए. लेकिन 'एक पायलट ने 'मेडे मेडे मेडे' मैसेज भेजा.' 

रिपोर्ट में 12 जून की दुर्घटना के लिए कोई निष्कर्ष या दोष निर्धारण नहीं किया गया है, लेकिन इशारा किया है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, और दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया था. बोइंग ने एक बयान में कहा कि वह जांच और अपने ग्राहक का समर्थन करना जारी रखेगा. बोइंग के अनुसार उसकी संवेदनाएं पीड़‍ितों के साथ हैं. 

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वहीं एयर इंडिया का कहना है कि वह रेगुलेटर्स समेत सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है. एक्स पर एक बयान में कहा गया है, 'हम एएआईबी और बाकी अधिकारियों के साथ उनकी जांच की प्रगति के साथ पूर्ण सहयोग जारी रखेंगे.'  
 

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