कर्मचारियों की बगावत के बीच एयर इंडिया एक्सप्रेस ने केबिन क्रू के 30 सदस्यों को बर्खास्त कर दिया है. एयर इंडिया ने यह एक्शन नियमों का हवाला देते हुए लिया है. जिन कर्मचारियों को कंपनी निकाला है उनमें सिक लीव पर गए कर्मचारी ही शामिल हैं. साथ ही कंपनी ने जितने भी बचे कर्मचारी अभी सिक लीव पर गए हैं उन्हें गुरुवार शाम चार बजे तक नौकरी पर वापस आने का अल्टीमेटम भी दिया है.सूत्रों के अनुसार ऐसा ना करने पर कंपनी उनके खिलाफ भी एक्शन लेने की तैयारी में है.
आपको बता दें कि कर्मचारियों की बगावत का खामियाजा अब यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. गुरुवार को भी एयर इंडिया एक्सप्रेस की 85 फ्लाइट्स या तो रद्द हैं या फिर देरी से चल रही हैं. इस वजह से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना पड़ रहा है. अभी तक मिली सूचना के अनुसार जिस फ्लाइट्स को गुरुवार को कैंसल किया गया है उनमें चेन्नई से कोलकाता, चेन्नई से सिंगापुर और त्रिचे से सिंगापुर की फ्लाइट शामिल हैं. जबकि लखनऊ से बेंगलुरु की फ्लाइट देरी से चल रही है.
300 कर्मचारियों ने किया है बगावत
आपको बता दें कि एयर इंडिया एक्सप्रेस में काम करने वाले 300 से ज्यादा कर्मचारी बुधवार से ही काम पर नहीं आ रहे हैं. इन सभी कर्मचारियों ने एक साथ पहले सिक लीव अप्लाई की और अपना मोबाइल फोन ऑफ कर लिया. इस वजह से बुधवार को भी विमानों के संचालन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
इन कर्मचारियों की बगावत के पीछे का कारण है नौकरी की नई शर्तें. ये सभी कर्मचारी इस नई शर्त का ही विरोध कर रहे हैं. एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा था कि हमारे केबिन क्रू के कई सदस्य मंगलवार रात से ड्यूटी पर आने से ठीक पहले बीमार हो गए और इस वजह से कई फ्लाइट्स को या तो कैंसिल करना पड़ा है या फिर वो देरी से चल रही है.
पिछले महीने भी कर्मचारियों ने प्रबंधन पर लगाया था आरोप
एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों के विरोध या बगावत का यह कोई पहला मामला नहीं है. पिछले महीने एयर इंडिया एक्सप्रेस केबिन क्रू के एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संघ ने आरोप लगाया था कि एयरलाइन का प्रबंधन सही से काम नहीं कर रहा है और कर्मचारियों के साथ व्यवहार में समानता की कमी है. एक पंजीकृत यूनियन, एयर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी संघ (AIXEU) ने भी आरोप लगाया था कि मामलों के कुप्रबंधन ने कर्मचारियों के मनोबल को प्रभावित किया है.