उत्तर भारत में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से मच रही तबाही, हिमाचल से दिल्ली तक हाहाकार

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बहाल करने का भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का प्रयास भारी बारिश के कारण बाधित हुआ. 270 किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग लगातार पांचवें दिन भी बंद रहा. 

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आईएमडी ने बताया कि गुजरात में 7 सितंबर को अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है. 
नई दिल्ली:

उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कहर अभी भी जारी है. हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में शनिवार भूस्खलन के बाद एक पहाड़ी का लगभग 200 मीटर हिस्सा कटकर बह गया. वहीं, राजस्थान के जयपुर में एक मकान के लगातार जारी बारिश के कारण ढह जाने से एक युवक और उसकी पांच साल की बेटी की मौत हो गई. वहीं दिल्ली में यमुना नदी में आई बाढ़ से विस्थापित 70 से अधिक परिवारों को अक्षरधाम के पास दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए गए अस्थाई तंबुओं में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.

हिमाचल में अभी नहीं थमेगा बारिश का दौर

हिमाचल प्रदेश के नोराधार के चोक्कर गांव में भूस्खलन के कारण पांच घर खतरे में आ गए. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि उनमें रहने वाले लोगों को समय रहते बचा लिया गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक, भूस्खलन की यह घटना संभवत: जमीन के नीचे मौजूद पानी के एक स्रोत के फटने के कारण हुई.  भारत मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय केंद्र ने अगले छह दिनों तक राज्यभर में मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है. साथ ही, उना और बिलासपुर जिलों में भारी बारिश, तूफान और बिजली गिरने का ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है. मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि सात से 12 सितंबर तक कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि शनिवार को कुछ इलाकों में भारी बारिश के एक-दो दौर हो सकते हैं.

चमोली में भूस्खलन से मकानों में दरार

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शनिवार को यमुना घाटी में बादल फटने से नौगांव इलाके में भारी नुकसान हुआ. यहां मलबे से एक मकान दब गया और एक जल धारा का कीचड़ भरा पानी आधा दर्जन से ज्यादा घरों में घुस गया. जब बादल फटने की घटना हुई, तो भारी बारिश की आशंका के कारण कई लोग पहले ही अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगह जा चुके थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा,‘‘उत्तरकाशी जिले के नौगांव इलाके में भारी बारिश से नुकसान की खबर मिलने पर मैंने तुरंत जिला अधिकारी से बात की और उन्हें युद्ध स्तर पर बचाव और राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया.'

वहीं  चमोली जिले के गोपेश्वर मुख्यालय के समीप ब्रह्मसैन क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है. भारी बारिश के कारण करीब डेढ़ सौ मीटर लंबी सड़क पूरी तरह धंस गई है, जिसके चलते आसपास के आवासीय मकानों में दरारें पड़ गई हैं. प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है और कई परिवार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

गुजरात में जारी रहेगा बारिश का कहर

गुजरात में अगले सात दिनों तक मानसून की तेज सक्रियता का नया दौर देखने को मिल सकता है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किए हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुजरात में अगले सात दिनों तक लगातार बारिश की संभावना जताई है. विभाग ने बताया कि अगले 48 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. आईएमडी ने बताया कि गुजरात में 7 सितंबर को अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है. 

बारिश से जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मरम्मत कार्य बाधित

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बहाल करने का भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का प्रयास भारी बारिश के कारण बाधित हुआ. 270 किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग लगातार पांचवें दिन भी बंद रहा. उधमपुर जिले के थार्ड में पहाड़ी के नीचे दबे राजमार्ग के 250 मीटर हिस्से को साफ करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं.

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इस सप्ताह के शुरू में जम्मू संभाग में भारी बारिश के कारण राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था.  इस दौरान कई स्थानों पर भूस्खलन और सड़क के ऊपर पहाड़ियों से पत्थर गिरने से उधमपुर और बनिहाल के बीच विभिन्न स्थानों पर सड़क खराब हो गयी थी. वहीं मौसम विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि सात और आठ सितंबर को जम्मू संभाग के कुछ जिलों में मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है. मौसम विभाग ने नौ से 12 सितंबर के बीच कुछ स्थानों पर हल्की बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने का भी अनुमान जताया है.

दिल्ली में यमुना का जलस्तर 206 मीटर से नीचे पहुंचा

दिल्ली के कई हिस्सों में रविवार को बारिश के साथ 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और बारिश होने का अनुमान है.  वहीं दिल्ली में पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर शनिवार रात आठ बजे कम होकर 205.98 मीटर पर पहुंच गया, जो कई दिन से 207 मीटर के आसपास था.  हालांकि जलस्तर अब भी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है. अधिकारियों के अनुसार स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सभी संबंधित एजेंसियां ​​अलर्ट पर हैं. नदी के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के अस्थायी आवास के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, मयूर विहार, कश्मीरी गेट और आसपास के इलाकों में टेंट लगाए गए हैं.

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