तमिलनाडु के प्रमुख विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने विक्रवांडी विधानसभा सीट के लिए 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव का बहिष्कार करने की शनिवार को घोषणा की और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) 'हिंसा' फैलाएगी और लोगों को 'स्वतंत्र रूप से' मतदान नहीं करने देगी.
वहीं, तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस. रामदास ने घोषणा की कि उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष सी अंबुमणि विक्रवांडी उपचुनाव लड़ेंगे.
अन्नाद्रमुक मुख्यालय 'पुरात्ची थलाइवर एमजीआर मालिगई' में वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद ई. के पलानीस्वामी ने घोषणा की कि उनकी पार्टी उपचुनाव का बहिष्कार करेगी.
विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि राज्य के मंत्री और द्रमुक सत्ता का दुरुपयोग करने के अलावा अपने पैसे और बाहुबल का भी इस्तेमाल करेंगे और हिंसा और अराजकता फैलाएंगे और लोगों को स्वतंत्र रूप से मतदान नहीं करने देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, उपचुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र नहीं होगा और ऐसे कारकों को देखते हुए अन्नाद्रमुक 10 जुलाई को विक्रवांडी विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव का बहिष्कार करेगी.''
अन्नाद्रमुक महासचिव ने एक बयान में द्रमुक के खिलाफ अतीत में लगाए गए कई आरोपों का हवाला दिया, जिसमें 'थिरुमंगलम फॉर्मूला' और 'इरोड ईस्ट फॉर्मूला' शामिल हैं, जिसमें लोगों को मवेशियों की तरह 'शेड' में बंद करने का आरोप है, ताकि विपक्ष को उन तक पहुंचने से रोका जा सके और किसी तरह प्रलोभन के जरिए उनका वोट हासिल किया जा सके. हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने ऐसे सभी आरोपों को झूठा करार दिया था. पलानीस्वामी ने 2026 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव जीतकर तमिलनाडु की सत्ता में लौटने का भरोसा जताया.
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