‘फ्रैक्चर’ की इलाज पद्धतियों से सेहत में सुधार का पूर्वानुमान लगाने के लिए AI मॉडल

आईआईटी के अनुसंधान दल के अनुसार इस मॉडल का इस्तेमाल ‘फ्रैक्चर’ सही करने के विभिन्न तरीकों के बाद हड्डी जुड़ने में सुधार का पता लगाने में किया जा सकता है

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), गुवाहाटी के अनुसंधानकर्ताओं ने जांघ की हड्डी में ‘फ्रैक्चर' की सर्जरी के बाद सुधार के बारे में अनुमान के लिए एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल विकसित किया है. अनुसंधान दल के अनुसार इस मॉडल का इस्तेमाल ‘फ्रैक्चर' सही करने के विभिन्न तरीकों के बाद हड्डी जुड़ने में सुधार का पता लगाने में किया जा सकता है ताकि मरीज के लिए सर्जरी या उपचार के सही तरीके का चयन किया जा सके.

अनुसंधान दल ने कहा कि इस तरह के सटीक अनुमान वाले मॉडल का इस्तेमाल हड्डी जुड़ने के समय को कम कर सकता है, खर्च में कमी ला सकता है और मरीजों की पीड़ा को भी कम कर सकता है. अनुसंधान के परिणाम हाल में पत्रिका ‘पीएलओएस वन' में प्रकाशित हुए हैं.

आईआईटी, गुवाहाटी में जैव विज्ञान और जैव आभियांत्रिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर सौप्तिक चंद ने कहा, ‘‘जब जटिल जैविक चीजों को लेकर पूर्वानुमान और समझ की बात आती है तो एआई अत्यंत क्षमतावान है और स्वास्थ्य विज्ञान के अनुप्रयोगों में बड़ी भूमिका निभा सकती है.''

अनुसंधान दल ने अनेक उपचार पद्धतियों के बाद ‘फ्रैक्चर' में सुधार की प्रक्रिया को समझने के लिए ‘फाइनाइट एलिमेंट एनालिसिस' और एआई टूल ‘फजी लॉजिक' का उपयोग किया है.

अनुसंधानकर्ताओं ने अस्पतालों में इस्तेमाल के लिए एक सॉफ्टवेयर या ऐप बनाने की भी योजना तैयार की है. यह दल इस समय उत्तर पूर्व इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य और आयुर्विज्ञान संस्थान, शिलांग के डॉ भास्कर बोरगोहेन तथा उनके अस्थिरोग विशेषज्ञों के दल के साथ काम कर रहा है.

"AI स्वास्थ्य सेवा के लिए वरदान" : सह-संस्थापक और सीईओ, Qure.ai, प्रशांत वारियर

Featured Video Of The Day
Punjab Municipal Corporation Elections: पंजाब नगर निगम चुनाव में AAP-Congress का दबदबा
Topics mentioned in this article