डॉ पवन दुग्गल ने 'AI श्वेत पत्र' को बताया गेम चेंजर, कहा- अब तक किसी ने नहीं लिया भारत वाला स्टैंड

डॉ. पवन दुग्गल ने कहा भारत ग्लोबल साउथ का एक लीडर है और वह एक आने वाले समय में AI का एक ग्लोबल स्टैंडर्ड बनने वाला है. AI पर भारत जब भी अपना लीगल फ्रेमवर्क बनाएगा तो वह एक डेमोक्रेटाइजेशन ऑफ AI इंफ्रास्ट्रक्चर को जरूर तवज्जोह देगा.

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AI विशेषज्ञ डॉ पवन दुग्गल
नई दिल्ली:

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (Principal Scientific Advisor) प्रोफेसर अजय सूद ने बीते 22 अक्टूबर AI को लेकर एक श्वेत पत्र (White Paper) जारी किया था.  AI पर जारी श्वेत पत्र पर बात करते हुए IT और AI विशेषज्ञ, डॉ. पवन दुग्गल ने कहा कि यह एक गेम चेंजिंग व्हाइट पेपर है. यह व्हाइट पेपर भारत सरकार की मंशा को दर्शाता है. उन्होंने कहा, एक तरफ जहां दुनिया के बड़े देश अमेरिका जैसे राष्ट्र कह रहे हैं कि उन्हें अपनी कंपनियों को ज्यादा बढ़ावा देना है, मजबूत करना है, वहीं भारत पहला देश है जो यह कह रहा है कि AI को Democratize करना जरूरी है. जिससे कि आम लोग AI Technology का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें. भारत ने वह स्टैंड लिया है जो अभी तक दुनिया के किसी देश ने नहीं लिया है.

डॉ. पवन दुग्गल ने कहा भारत ग्लोबल साउथ का एक लीडर है और वह एक आने वाले समय में AI का एक ग्लोबल स्टैंडर्ड बनने वाला है. AI पर भारत जब भी अपना लीगल फ्रेमवर्क बनाएगा तो वह एक डेमोक्रेटाइजेशन ऑफ AI इंफ्रास्ट्रक्चर को जरूर तवज्जोह देगा. इसकी एक झलक WHITR PAPER में दिखाई देती है.

AI के इस्तेमाल से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी

डॉ दुग्गल ने कहा, जब भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करेंगे तो इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और अकाउंटेबिलिटी भी तय की जाएगी. WHITE PAPER में यह कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व्यवस्था को पारदर्शी और एथिकल बनाना बेहद जरूरी है.

भारत AI FOR ALL की पॉलिसी आगे बढ़ना चाहता है

उन्होंने कहा, PM Modi ने पेरिस AI SUMMIT में कहा था कि AI को सस्टेनेबल बनाना बेहद जरूरी है. व्हाइट पेपर इस सस्टेनेबल AI कि प्रधानमंत्री की सोच को दर्शाता है. भारत दुनिया की सबसे बड़ी प्रजातंत्र है. जब भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को Democratize  करने की बात कर रहा है तो वह एक संकेत है कि वह AI FOR ALL की पॉलिसी आगे बढ़ना चाहता है.

आज पूरी दुनिया में जो डाटा जनरेट होता है उसका 20 फीसदी भारत से जनरेट होता है. जब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के Democratization करने की बात करते हैं तो हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि लोग अपनी कॉग्निटिव फैकल्टी पर कम ध्यान दे रहे हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ज्यादा!

डॉ दुग्गल ने कहा कि भारत को यह भी सुनिश्चित करना होगा की नागरिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर इतना ज्यादा निर्भर ना हो जाए कि वह अपनी सोच की क्षमता को खो दें. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जो वाइट पेपर जारी किया गया है वह आने वाले समय में भारत की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर रणनीति को एक सही दिशा देगा.

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