एक आखिरी सेल्फी, एक आखिरी अलविदा… प्लेन हादसे में टूटे इन 5 परिवारों की कहानियां रुलाती हैं

Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 गुरुवार, 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हो गई. इस हादसे कि वजह से कुल 265 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

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Ahmedabad Plane Crash: हादसे में 265 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

सैकड़ों परिवारों को निराशा के गर्त में डूबोने के लिए 9 मिनट का वक्त भी बहुत होता है. आज पूरा देश यह बात फील कर रहा है. 242 लोगों को ले जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर गुरुवार, 12 जून की दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त (Ahmedabad Plane Crash) हो गया.  लंदन जा रहे इस विमान के हादसे में सिर्फ एक इंसान जिंदा बच पाया है. हादसे के बाद से ऐसी सच्ची कहानियां सामने आ रही हैं जो दिलों को दहला कर रख दे रही हैं. ये कहानियां बानगी हैं उम्मीदों के टूटने की, परिवारों के अधूरे हो जाने की, अपनों के गुजर जाने की. चलिए आपको 5 ऐसे ही परिवारों से मिलाते हैं जिन्होंने इस हादसे में अपनों को खो दिया है.

1- डॉक्टर कपल और 3 बच्चों के साथ आखिरी सेल्फी

गुरुवार से पहले डॉ. कोनी व्यास का परिवार एक नया जीवन शुरू करने के कगार पर था. राजस्थान के बांसवाड़ा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करने वालीं पैथोलॉजिस्ट, डॉ कोनी ने पिछले महीने ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था ताकि वह अपने पति प्रतीक जोशी, जो लंदन स्थित डॉक्टर हैं, और अपने तीन बच्चों - पांच साल के जुड़वां लड़के प्रद्युत और नकुल और आठ वर्षीय बेटी मिराया के साथ एक नया जीवन शुरू कर सकें. फ्लाइट के उड़ान भरने से पहले, इस परिवार ने एक सेल्फी ली जो अब सोशल मीडिया पर वायरल है. एक तरफ मुस्कुराते हुए माता-पिता और दूसरी तरफ बच्चे. लेकिन इस सेल्फी लेने के कुछ ही मिनटों बाद सबकुछ बदल गया. पांचों हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह चले थे.

2- लंदन में बच्चे कर रहे थे इंतजार लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था

रूपल बेन पटेल पिछले 15 साल से अपने पति और तीन बच्चों के साथ लंदन में रह रही थीं. गुजरात के खेड़ा जिले के उत्तरसंडा में उनका मायका है. रूपल बेन पटेल बीते कुछ दिनों से अपने इलाज के सिलसिले में भारत आई थीं और 10 दिन से अपने मायके में रह रही थीं. इलाज के दौरान उनका ऑपरेशन भी हुआ और स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्होंने 12 जून को लंदन लौटने की योजना बनाई थी. वो अहमदाबाद से एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर 171 से लंदन लौट रही थीं और उनकी सीट संख्या 19J थी. उन्हें उनके भाई और भाभी अहमदाबाद एयरपोर्ट छोड़ने आए थे. लेकिन जैसे ही वो घर लौटे, उन्हें विमान दुर्घटना की खबर मिली. वो वही फ्लाइट थी, जिसमें उनकी बहन सवार थीं. 

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रूपल के तीन छोटे बच्चे हैं, जिनमें एक 13 साल का बेटा और दो 7 वर्षीय जुड़वां हैं. वो लंदन में अपनी मां की राह देख रहे थे, लेकिन अब शायद उन्हें यह समझने में वक्त लगेगा कि उनकी मां कभी लौटकर नहीं आएंगी.

3- बेटी से मिलने लंदन जा रही थीं अंजू शर्मा

अंजू कई सालों से अपने परिवार के साथ गुजरात के वडोदरा में रह रही थीं और अपनी बड़ी बेटी से मिलने लंदन जा रही थीं. अंजू की मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है और परिवार गहरे सदमे में है. सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि अंजू शर्मा के बुजुर्ग माता-पिता को अब तक हादसे की जानकारी नहीं दी गई. उनके पिता जगदीश शर्मा, जो भारतीय सेना से रिटायर्ड हैं, ब्रेन हेमरेज के कारण बिस्तर पर हैं और माता भी लंबे समय से बीमार हैं. ऐसे में परिवार ने उन्हें यह दुखद समाचार बताने से फिलहाल परहेज किया है. परिवार के लोगों का कहना है कि अगर हम अंजू के पिता और मां को जानकारी देंगे तो डर है कि हम उन्हें भी खो देंगे.

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अंजू के चाचा बालकिशन शर्मा अपने आंसुओं को नहीं रोक पा रहे हैं. मीडिया से बातचीत के समय रोते हुए उन्होंने कहा कि अंजू शर्मा खुशमिजाज थी. वह पूरे परिवार, पूरे कुनबे को जोड़कर रखती थी. उसके जाने से सभी सदमे में हैं. अंजू शर्मा ने विमान में बैठने के बाद अपनी बहन नीलू शर्मा को वीडियो कॉल की थी, लेकिन वह अटेंड नहीं कर पाई, जिसका उसे अभी मलाल है.

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4- पापा को जन्मदिन का सरप्राइज देना बना आखिरी मुलाकात

अहमदाबाद विमान हादसे में गुजरात की रहने वाली दीपांशी की भी दर्दनाक मौत हुई है. गांधीनगर के सरगासन स्थित स्वागत फ्लेमिंगो सोसायटी में रहने वाली दीपांशी भदौरिया लंदन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं और एक महीने पहले अपने पिता को जन्मदिन पर सरप्राइज देने भारत आई थीं. दीपांशी गुरुवार को लंदन लौट रही थीं, लेकिन एयर इंडिया की फ्लाइट हादसे का शिकार हो गई और इस दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. दीपांशी के पिता CBI में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं. बेटी को अचानक घर आया देख जो परिवार बेहद खुश था, अब उसी घर में मातम पसरा है.

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5-  भारत में वापस बसने आईं लेकिन…

विमान हादसे में मारे गए लोगों में केरल की 39 वर्षीय नर्स रंजीता गोपाकुमार भी शामिल हैं. दो बच्चों की मां रंजीता अपनी सरकारी नौकरी से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने के लिए चार दिन पहले ही ब्रिटेन से भारत लौटी थी. वह दक्षिण केरल के इस जिले में अपने पैतृक गांव पुल्लाड में अपने नए घर की योजना को अंतिम रूप देने और अपने बच्चों एवं बुजुर्ग मां को एक सुरक्षित एवं अधिक स्थिर जीवन देने की आशा के साथ लौटी थी लेकिन उसकी उम्मीदें इस हादसे के साथ ही खत्म हो गईं.

रंजीता विदेश जाने के लिए चेन्नई से अहमदाबाद की उड़ान में सवार हुईं. वह भारत बसने से पहले कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए ब्रिटेन जा रही थी. घर पहुंचने के मात्र चार दिन बाद ही वह पुन: विदेश जाने के लिए अहमदाबाद से एअर इंडिया के विमान में सवार हुईं. रंजीता के एक करीबी रिश्तेदार ने बताया, ‘‘वह बहुत खुश और आशान्वित थी. उसकी बहुत सारी योजनाएं थीं. बहुत सारे सपने थे.''

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