एयर इंडिया अहमदाबाद विमान हादसे में मृतकों की संख्या 270 से अधिक हो गई है.
अहमदाबाद विमान हादसे में कई यात्री चमत्कारिक रूप से बच गए. वडोदरा के रहने वाले यमन व्यास ने मां की भावुकता के कारण अपनी यात्रा रद्द की. जबकि जैमिन और प्रिया दस्तावेज न होने से प्लेन में चढ़ ही नहीं सके. वहीं भूमि को ट्रैफिक जाम ने बचा लिया.
सत्तर के दशक की चर्चित फिल्म आनंद का एक डायलॉग है-
जिंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ है जहांपनाह. उसे न आप बदल सकते हैं न मैं. हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं. जिनकी डोर ऊपरवाले की ऊंगलियों में बंधी हैं. कब कौन कैसे उठेगा, यह कोई नहीं बता सकता है.' अहमदाबाद प्लेन हादसे में ये लाइनें कई बार सच हुईं.
अहमदाबाद विमान हादसे के बाद ऐसी दर्दनाक और चौंकाने वाली कहानियां सामने आ रही हैं, जिन पर एकबार यकीन करना मुश्किल है. विमान के 242 यात्रियों में विश्वास रमेश मौत के पंजे से निकल आए. वहीं एक कहानी यमन व्यास की भी है.
उनका सामान पैक था. बस घर से फ्लाइट पकड़ने के लिए वह निकल रही रहे थे. मां से विदा लेने का क्षण था. भावुक मां ने बेटे से गुजराती में कहा- थोड़ा दिवस रोकई जा ने बेटा (कुछ दिन और रुक जाते बेटा). मां की भावुकता ने यमन के पैर पीछे खींच लिए. उन्होंने अपनी यात्रा टाल दी. उनका 12 जून को एयर इंडिया की उस फ्लाइट का टिकट था, जो उड़ान के चंद सेकंड्स के बाद ही जमीन से जा टकराई. जान-अनजाने मां बेटे को मौत के पंजे से वापस खींच लाई. यमन ने बताया कि शाम को जब उन्होंने प्लेन क्रैश होने की खबर सुनी, तो वह दंग रह गए. मां ने उन्हें बचा लिया.
अंंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यमन कई सालों से यूके में काम कर रहे हैं. वह लंदन में एक वेयरहाउस में काम करते हैं. लगभग दो साल बाद यमन अपने घरवालों से मिलने के लिए वडोदरा आए थे. परिवार के साथ छुटियां बिताने के बाद वो वापस लंदन जाने वाले थे. लेकिन मां के कहने पर वो रुक गए और उनकी जान बच गई.
जैमिनी और प्रिया पटेल की कहानी
जैमिनी और प्रिया पटेल की किस्मत को भी कुछ और मंजूर था. अहमदाबाद के चांदलोडिया के रहने वाले 29 साल जैमिन पटेल और 25 साल प्रिया पटेल को उनके दोस्त ने छुट्टियां बिताने के लिए लंदन बुलाया था. ये दोनों भी बृहस्पतिवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान से लंदन जाने वाले थे. दरअसल ये विजिटर वीजा पर घूमने जा रहे थे. लेकिन इनके पास कुछ कागज कम थे. जिसके कारण इन्हें विमान में बैठने नहीं दिया गया. ये एयरलाइंस के स्टाफ से मिन्नतें करते रहे. लेकिन इन्हें बोर्डिंग नहीं करवाई गई और ये निराश घर लौट आए. जब ये घर पहुंचे तो इन्हें हादसे की जानकारी मिला.
इस तरह से भारत आई ब्रिटेन की रहने वाली भूमि चौहान अहमदाबाद में क्रैश हुई एयर इंडिया की फ्लाइट छूटने के कारण बच गई. वो अपनी किस्मत के लिए भगवान का शुक्रिया अदा कर रही हैं. भूमि अहमदाबाद के भारी ट्रैफिक में फंस गईं और इस वजह से एयरपोर्ट पहुंचने में लेट हो गईं. सिर्फ 10 मिनट से की दूरी ने भूमि को एक नई जिंदगी दे दी.
विमान में सवार एक यात्री की बची जान
गुजरात में अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास बृहस्पतिवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान में सवार एक ही यात्री इस भयावह घटना में जीवित बच गया. शहर के सिविल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. विश्वकुमार रमेश नामक यात्री बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की 'ए11' सीट पर था, जिसमें 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे. एअर इंडिया के अनुसार, विमान में सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक थे. हादसे में विजय रूपाणी का भी निधन हो गया है.