G20 समिट से पहले दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों की दीवारों पर लिखे गए खालिस्तान समर्थक नारे, एक्‍शन से पुलिस

जी20 शिखर सम्मेलन से पहले, दिल्ली पुलिस अफवाहों और भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोकने, आपराधिक तत्वों की पहचान करने और शहर में मॉल, बाजारों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सोशल मीडिया की निगरानी कर रही है.

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जी20 शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जाएगा
नई दिल्‍ली:

जी20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली में सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किये गए हैं. ऐसे में दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे जाने के बाद पुलिस एक्‍शन मोड में नजर आ रही है. पुलिस ने बताया कि जी20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली मेट्रो के कम से कम पांच स्टेशनों की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हुए पाए गए हैं. जी20 शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जाएगा. इसमें यूरोपीय संघ के 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और वरिष्ठ अधिकारियों, आमंत्रित अतिथि देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है. 

समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एक अधिकारी ने कहा, "यह कानून-व्यवस्था का मामला है. हम दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग करेंगे." वहीं, दिल्‍ली पुलिस से जब खालिस्‍तान समर्थक नारों के बारे में पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है, मामले में सुराग पाने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी स्कैन किये जा रहे हैं. 

समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से कहा, "सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने दिल्ली मेट्रो स्टेशनों के फुटेज भी जारी किए, जिनपर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए हैं. संदिग्ध एसएफजे कार्यकर्ताओं ने खालिस्तान समर्थक नारों के साथ दिल्ली में शिवाजी पार्क से पंजाबी बाग तक कई मेट्रो स्टेशनों को क्षतिग्रस्त कर दिया."

जी20 शिखर सम्मेलन से पहले, दिल्ली पुलिस अफवाहों और भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोकने, आपराधिक तत्वों की पहचान करने और शहर में मॉल, बाजारों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सोशल मीडिया की निगरानी कर रही है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सभी सीमाओं को सील कर दिया जाएगा, लेकिन सामान्य वाहन और सार्वजनिक आवाजाही की अनुमति दी जाएगी.

शिखर सम्मेलन के दौरान किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टरों की कुल 80 टीमें और 130 एम्बुलेंस भी तैयार रहेंगी. हाल ही में एक समीक्षा बैठक में, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सूचित किया गया कि 60 पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) को शिखर सम्मेलन से संबंधित विशिष्ट कार्य सौंपे गए हैं.

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