चौथी तिमाही में 5% एग्रीकल्चर ग्रोथ... कृषि मंत्री ने बताया 'विकसित कृषि संकल्प' से किसानों को कैसे होगा फायदा

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की शुरुआत की. यह एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिक तरीकों के माध्यम से भारतीय कृषि में बदलाव लाना है.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चौथे तिमाही में कृषि ने दमदार प्रदर्शन किया है. लगभग 5% एग्रीकल्चर ग्रोथ रही है और साढ़े सात प्रतिशत के आसपास हमारी ओवरऑल चौथे तिमाही में रही है. ये विकास दर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जो नीतिगत बदलाव किये गए हैं, उनका जो विजन और सोच है, उसका परिणाम है. किसानों की मेहनत है और कुल मिलाकर केंद्र सरकार के नेतृत्व में जो रोडमेप बनाया है, उसके कारण भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की शुरुआत की. यह एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिक तरीकों के माध्यम से भारतीय कृषि में बदलाव लाना है.  कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान को अप्रत्याशित सफलता मिल रही है, केवल 2 दिन में 29 और 30 मई को हमारे वैज्ञानिकों की 2170 टीमें 8183 गांवों में गई और उन्होंने लगभग 7 लाख किसानों से सीधा संवाद किया.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं किसान भाइयों से फिर ये अपील करूंगा, वैज्ञानिक आ रहे हैं आपके गांव और आपके गांव की पूरी कुंडली लेकर, मतलब वहां की माटी कैसी है. एग्रोक्लाईमेटिक कंडीशन क्या है, उस जलवायु, माटी में फसल ठीक कैसे हो सकती है. मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व हैं. नाइट्रोजन, जिंक, सल्फर, ऑर्गेनिक कार्बन कितना है. उसके हिसाब से वो बताएंगे कि कौन-सा बीज, कौन-सी फसल की कौन-सी वैरायटी आपकी धरती में बहुत बेहतर उत्पादन करेगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि वो ये भी बताएंगे कि खाद का उपयोग करें. लेकिन संतुलित, अनावश्यक न डालें, नहीं तो खर्च भी बढ़ेगा और जमीन का स्वास्थ्य भी खराब होगा. वो आपसे संवाद करके ये भी जानेंगे कि आपकी समस्या क्या है फसलों में कौन-से रोग, वायरस अटैक करते हैं और उसका उपाय क्या है. वो जमीनी सच्चाई जानकर नए रिसर्च भी करेंगे.

कृषि मंत्री ने कहा कि अब शोध दिल्ली में बैठकर नहीं, गांव से जो फीडबैक आएगा, उसके आधार पर रिसर्च किया जाएगा. 
 किसान भाइयों, जरूर भाग लीजिए, आज मैं पानीपत आ रहा हूं. अपने हरियाणा के किसान भाइयों से बातचीत करने आप भी जहां वैज्ञानिक आ रहे हैं. आपके गांव में या आपके गांव के आसपास जरूर जाइए और विकसित कृषि के लिए उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने के लिए आय बढ़ाने के लिए संवाद कीजिए.

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