'मैं रेलवे स्‍टेशन के बाहर अंधेरे में अकेली खड़ी हूं, डर लग रहा...', महिला अधिकारी ने मांगी मदद और पास हो गई पुलिस

आगरा में महिलाएं रात में कितनी सुरक्षित हैं? आधी रात को अगर कोई महिला पुलिस से मदद की गुहार लगाती है, तो उसके साथ कैसा व्‍यवहार किया जाता है? कुछ इन्‍हीं सवालों का जवाब जानने के लिए एसीपी डॉक्टर सुकन्या शर्मा आधी रात को आगरा की सड़कों पर उतरीं और रियालिटी चेक किया. प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पुलिस अधिकारी के इस प्रयास की प्रशंसा की है, साथ ही भाजपा सरकार पर निशाना भी साधा है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
आधी रात को रेलवे स्‍टेशन के बाहर एक महिला ने पुलिस से लगाई मदद की गुहार...
आगरा:

शुक्रवार की देर रात ब्लैक पेंट वाइट शर्ट पहने एक महिला आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर नज़र आती है, वो पुलिस को मदद के लिए 112 नंबर पर फोन करती है. पुलिस से वह कहती है, 'मैं आगरा आई हुई हूं. देर रात और सुनसान रास्ता होने की वजह से मुझे डर लग रहा है, घबराहत हो रही है. मुझे पुलिस की मदद चाहिए...
नियमों के तहत, रात 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच अगर कोई महिला किसी ऐसी जगह फंसी हो, जहां से उसे वाहन नहीं मिल सकता है तो वह पुलिस से मदद मांग सकती है. 

आधी रात को मदद की गुहार लगाने वाली ये महिला, असल में खुद एक महिला अधिकारी हैं. दरअसल, महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले मनचले, पर्यटकों के साथ ठगी करने वाले और रात में ड्यूटी करने वाले पुलिसवाले अब सावधान हो जाएं, क्योंकि एसीपी डॉक्टर सुकन्या शर्मा आधी रात में भी सड़क पर उतर सकती हैं. रात के अंधेरे में महिलाओं की सुरक्षा पुलिस कैसे करती है और पर्यटकों को कैसे लपका जाता है? इसको परखने के लिए खुद आम पर्यटक बनकर आगरा की सड़कों पर ऑटो में एसीपी सुकन्या उतरीं. 

अखिलेश यादव ने की पुलिस अधिकारी की तारीफ 

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सहायक पुलिस आयुक्त के इस प्रयास की सराहना की है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, 'महिला सुरक्षा सुशासन की प्रथम परीक्षा होती है. यदि समाजवादी पार्टी के समय में महिला सुरक्षा के लिए शुरू किये गये आपातकालीन नंबर ‘1090' व ‘100' को भाजपा सरकार में अच्छी तरह चलाया और बढ़ाया जाता, तो आज महिला सुरक्षा को लेकर किसी ज़िम्मेदार अधिकारी को आशंका से भरा कॉल न करना पड़ता.' यादव ने कहा, 'ऐसे ‘मॉक-कॉल' समय-समय पर होते रहें, तो पुलिस-प्रशासन सजग और सचेत रहेगा. प्रशंसनीय प्रयास!'

पुलिस ने कुछ ऐसे की 'पयर्टक महिला' की मदद

सुकन्या शर्मा की बात सुनने के बाद 112 से उन्हें सुरक्षित स्थान पर खड़े होने के लिए बोला गया, तीन मिनट तक फोन पर ही उनसे जानकारी ली गई. इसके बाद उनके पास पिंक पीआरवी का फोन आया. वह उनको सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए आने लगी. बाद में उन्होंने बताया कि वो एसीपी हैं और 112 नंबर पर कैसे और कितनी जल्‍दी कार्रवाई होती है, उसको चेक कर रही थीं और इस चेकिंग में 112 नंबर पास हो गया.

Advertisement

ऑटो ड्राइवर भी रियालिटी चेक में हुआ पास 

एसीपी सुकन्या इसके बाद निकल पड़ीं वूमेन सेफ्टी ऑटो की पड़ताल करने. इसके लिए उन्‍होंने एक ऑटो लिया... ड्राइवर ने किराया बताने के बाद उन्हें ऑटो में बैठा लिया. इसके बाद उन्हें बताये पते तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया. इस बीच एसीपी सुकन्‍या ने बिना अपनी पहचान बताए ड्राइवर से वूमेन सेफ्टी ऑटो के बारे में जानकारी ली. ऑटो ड्राइवर ने बताया कि पुलिस ने उनका सत्यापन किया है. जल्द ही वर्दी और नंबर के साथ वह ऑटो चलाना शुरू करेंगे. पहले दिन पुलिस के रियालिटी चेक में पुलिसकर्मी, एसीपी के जांच पड़ताल में पास हो गए. 

Advertisement

ऐसे ही पता चलती है, जमीनी यकीकत

पुलिस के आधा अधिकारियों को कई बार जमीनी हकीकत को जानने के लिए खुद भी पहचान छिपाकर एक आम इंसान की तरह सड़कों पर उतरना पड़ता है. तब कहीं जाकर वो असल हालात से वाकिफ होते हैं. अगर पुलिस और प्रशासन ने अपना काम पूरी इमानदारी से करे, तो एक सुरक्षित प्रदेश बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा सकता है. ऐसा ही एक प्रयास एसीपी सुकन्‍या करती नजर आ रही है, जिसे सराहा जाना चाहिए.  

Advertisement
Featured Video Of The Day
UPPSC Exam: सुरक्षा के तगड़े इंतेजाम, नकल रोकने के लिए Iris Scanning से अभ्यर्थियों की हो रही पहचान