'अग्निपथ पर पुनर्विचार करे सरकार, युवा तीन साल में लौटे तो ब्याह नहीं होगा' : गवर्नर सत्यपाल मलिक

सत्यपाल मलिक ने कहा कि छह माह जवान प्रशिक्षण लेगा, छह माह की छुट्टी और तीन साल की नौकरी करने के बाद जब वह घर लौट आएगा तो उसका ब्याह भी नहीं होगा.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक.
बागपत (उप्र):

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सेना भर्ती की नई 'अग्निपथ' योजना का विरोध करते हुए रविवार को कहा कि सरकार को इस योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए. मलिक ने कहा कि छह माह जवान प्रशिक्षण लेगा, छह माह की छुट्टी और तीन साल की नौकरी करने के बाद जब वह घर लौट आएगा तो उसका ब्याह भी नहीं होगा.

रविवार को यहां खेकड़ा में शिक्षक नेता गजे सिंह धामा की मौत के बाद उनके आवास पर मलिक शोक संवेदना प्रकट करने पहुंचे थे. बाद में पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल मलिक ने कहा कि अग्निपथ योजना जवानों के खिलाफ है, यह उनकी उम्मीदों के साथ धोखा है.

उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्होंने किसानों की बात रखी थी और अब जवानों की बात रख रहे हैं. आप पद से इस्तीफा देकर किसानों और युवाओं के बीच में आकर बैठते और मुखर होते तो ज्यादा असर पड़ता? इस सवाल के जवाब में सत्यपाल मलिक ने कहा, ''मैं आप जैसे सलाहकारों के चक्कर में पड़ता तो यहां तक पहुंचता ही नहीं. ‌‌ फिर उन्होंने आगे कहा कि कुर्सी छोड़ दूंगा एक मिनट में अगर जिसने मुझे बनाया है वह कह दे.''

सेवानिवृत्ति के बाद की योजना के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ''मेरा इरादा राजनीति करने और चुनाव लड़ने का नहीं है. किसानों और जवानों के लिए जहां जरूरत होगी संघर्ष करुंगा.'' मलिक ने कहा कि वह कश्‍मीर पर किताब भी लिखेंगे.

यह पूछे जाने पर कि क्या सेवानिवृत्त होने के बाद केन्द्र सरकार के खिलाफ खुलकर आंदोलन की अगुवाई करेंगे? मलिक ने कहा कि ''बात सरकार के विरोध की नहीं है, मैं जो मुद्दा उठा रहा हूं, वह अगर मान लिया जाये तो वह सरकार के पक्ष की ही बात होगी.''

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Nobel Peace Prize: Donald Trump का नोबेल वाला 'गुमान' कैसे चकनाचूर? | Shubhankar Mishra
Topics mentioned in this article