हरियाणा में जीत के बाद महाराष्ट्र पर BJP की नजर, 5 पॉइन्ट्स के जरिए समझिए पार्टी का असली प्लान

सूत्रों की मानें तो भाजपा इस बार महाराष्ट्र में 155 सीटों पर नजर बनाई हुई है. लड़की बहिन योजना के तहत पार्टी जनता को लुभाने की कोशिश कर रही है. इस कैंपेन के जरिए पार्टी की कोशिश है कि हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में भी सत्ता वापसी की राह आसान हो.

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नई दिल्ली:

हरियाणा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के साथ पार्टी का मनोबल पूरी तरह से बढ़ चुका है. परिणाम आने के बाद भाजपा 5 महत्वूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान दे रही है. इस जीत के साथ पार्टी का आत्मविश्वास और मनोबल काफी बढ़ा है.

सूत्रों की मानें तो भाजपा इस बार महाराष्ट्र में 155 सीटों पर नजर बनाई हुई है. लड़की बहिन योजना के तहत पार्टी जनता को लुभाने की कोशिश कर रही है. इस कैंपेन के जरिए पार्टी की कोशिश है कि हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में भी सत्ता वापसी की राह आसान हो.

क्या है पार्टी का प्लान?

गैर-प्रमुख समुदायों तक पहुंचना और मराठा आंदोलन की मांगों के प्रभाव को कम करना, अपने सहयोगियों के बीच वोट हस्तांतरण सुनिश्चित करना और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सूक्ष्म स्तर पर सामाजिक और राजनीतिक सत्ता विरोधी लहर को संबोधित करने वाला अभियान चलाना भी सर्वोच्च प्राथमिकता है.

  1. प्रतिद्वंद्वियों पर करीब से नजर
  2. संगठनात्मक ताकत पर ध्यान देना
  3. सामाजिक व कल्याण कार्य
  4. वोट ट्रांसफर करना
  5. जनता को आकर्षित करना
  6. सूक्ष्म मुद्दों पर ध्यान देना

क्या है सीट का फॉर्मूला?

पार्टी की पहली केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार रात पार्टी मुख्यालय में बैठक हुई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे, सूत्रों ने कहा कि भाजपा अपनी पहली सूची जारी कर सकती है. दो दिनों के भीतर उम्मीदवारों की संख्या और 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 154 से 158 सीटों पर लड़ सकते हैं.

राज्य के 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इसके तत्कालीन सहयोगी - उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली अविभाजित शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जबकि अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जो विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए का हिस्सा थी, ने 41 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं.

लोकसभा में लगा था झटका

छह महीने पहले राज्य में लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब भाजपा की नजर वापसी पर है, जहां पार्टी को 28 में से केवल 9 सीटें जीतने में झटका लगा था. महाराष्ट्र भाजपा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई है, जो निवेश, एफडीआई और मोदी 3.0 के विकास फोकस के लिए महत्वपूर्ण है, और मराठा गौरव और मुखर दलित-अंबेकरवादी समूहों की व्यापकता सहित पहचान के मुद्दों के लिए भी महत्वपूर्ण है. 

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बीजेपी महाराष्ट्र में विरोधियों को बहुत ही करीब से देख रही है. कैंपेन से जुड़े पार्टी के नेता ने बताया कि बेशक लोकसभा में भाजपा को निराशा लगी है, मगर विधानसभा में नतीजे अलग होंगे. शिवसेना के कोर वोटर कांग्रेस को पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में भाजपा ने एकनाथ शिंदे को असली शिवसैनिक के तौर पर स्थापित किया है. एकनाथ शिंदे वर्तमान में महाराष्ट्र के सीएम हैं. उन्होंने सीएम आवास आमलोगों के लिए खोल दिया है. इससे पहले किसी भी मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया था.

भाजपा ने हरियाणा में संघ की मदद से बेहतरीन कार्य किया है. ऐसे में RSS की भूमिका महाराष्ट्र में काफी महत्वपूर्ण होने वाली है. धर्मेंद्र प्रधान हों या फिर भूपेंद्र यादव, सभी की कोशिश है कि वोटर्स को आसानी से जोड़ा जाए.

महाराष्ट्र में भाजपा एक अलग स्ट्रेटजी के साथ काम कर रही है. वर्तमान सरकार जनता के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिसका फायदा भाजपा को विधानसभा चुनाव में होने वाला है. पार्टी जनता के बीच हर तरह से पहुंचना चाह रही है. कार्यकर्ताओं के जरिए, सरकारी योजनाओं के जरिए साथ ही साथ संघ के कार्यकर्ताओं के जरिए भी. इस बार भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिश करेगी. इसके लिए पार्टी ने तैयारी भी शुरु कर दी है.

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