क्या है AFSPA कानून? नगालैंड की घटना के बाद क्यों मचा है इस पर विवाद; जानें

नागालैंड के MON जिले में बीते शनिवार की शाम पैरा फोर्सेज के एक ऑपरेशन में गलत पहचान की वजह से 14 ग्रामीणों की गोली लगने से मौत के मामले ने एक बार फिर विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम 1958 (AFSPA) को फिर से सुर्खियों में ला दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नागालैंड और मेघालय के मुख्यमंत्री इस अधिनियम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
नई दिल्ली:

नागालैंड के MON जिले में बीते शनिवार की शाम पैरा फोर्सेज के एक ऑपरेशन में गलत पहचान की वजह से 14 ग्रामीणों की गोली लगने से मौत के मामले ने एक बार फिर विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) को फिर सुर्खियों में ला दिया है. शनिवार को नागालैंड में विद्रोहियों का पता लगाने के लिए सेना के एक अभियान के विफल होने से 14 ग्रामीणों और एक सैनिक की मौत हो गई थी. पुलिस की एक प्राथमिकी में कहा गया है कि सेना के 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज ने अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. नागालैंड और मेघालय के मुख्यमंत्री इस अधिनियम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. दोनों ही जगह BJP के गठबंधन की सरकार है.

नगालैंड पुलिस ने सेना की टुकड़ी के खिलाफ दर्ज की स्वत: FIR, 14 ग्रामीणों के मर्डर का लगाया आरोप

मुख्यमंत्री नेफिउ रियो ने कहा, "AFSPA सेना को बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के नागरिकों को गिरफ्तार करने, घरों पर छापा मारने और लोगों को मारने का अधिकार देता है, लेकिन सुरक्षा बलों के खिलाफ कोई कार्रवाई का अधिकार नहीं देता है. उन्होंने कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा कर दी है."

Advertisement

क्या है AFSPA?

AFSPA सशस्त्र बलों को "अशांत क्षेत्रों" में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की शक्ति देता है. यह सशस्त्र बलों को कानून के उल्लंघन करते पाए जाने वाले व्यक्ति को चेतावनी देने के बाद बल प्रयोग या यहां तक ​​कि उस पर गोली चलाने की भी अनुमति देता है. 

Advertisement

"अशांत क्षेत्र" वह है, जहां "नागरिक शक्ति की सहायता में सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है". AFSPA की धारा 3 के तहत, किसी भी क्षेत्र को विभिन्न धार्मिक, नस्ली, भाषा या क्षेत्रीय समूहों या जातियों या समुदायों के सदस्यों के बीच मतभेदों या विवादों के कारण अशांत घोषित किया जा सकता है. किसी भी क्षेत्र को "अशांत" घोषित करने की शक्ति शुरू में राज्यों के पास थी, लेकिन 1972 में केंद्र को पारित कर दी गई.

'12 दिनों में ही विधवा', नगालैंड में स्पेशल फोर्सेज के ऑपरेशन में किसी ने खोया सुहाग तो किसी ने बुढ़ापे का सहारा

Advertisement

यह अधिनियम बलों को बिना अरेस्ट वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने, किसी परिसर में प्रवेश करने और तलाशी लेने की भी अनुमति देता है.

Advertisement

विवादास्पद कानून जम्मू-कश्मीर के अलावा नागालैंड, असम, मणिपुर (इंफाल के सात विधानसभा क्षेत्रों को छोड़कर) और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है. त्रिपुरा और मेघालय के कुछ हिस्सों को सूची से बाहर कर दिया गया था.

AFSPA सुरक्षा बलों को केंद्र द्वारा मंजूरी दिए जाने तक कानूनी कार्यवाही से भी बचाता है. नागालैंड हिंसा और हत्याओं के संदर्भ में, चिंता है कि केंद्र सेना की 21 पैरा स्पेशल फोर्स को जांच से बचाने के लिए कानून का हवाला दे सकता है.

क्या है AFSPA? नागालैंड की घटना के बाद फिर से विवादों में अधिनियम

Featured Video Of The Day
Mahila Samridhi Yojana: महिलाओं को 2500 के एलान पर क्या बोली Delhi और Maharashtra सरकार? | CM Rekha
Topics mentioned in this article