- भारतीय जनता पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष जल्द चुना जाएगा
- पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की चर्चा तेज
- भाजपा को मिल सकती है पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष
- निर्मला सीतारमण को अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा
भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन बहुत जल्द होने जा रहा है. जेपी नड्डा के बाद इस बड़ी जिम्मेदारी को कौन संभालेगा, इसे लेकर पार्टी में चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं. सूत्रों के अनुसार पहली बार किसी महिला का चुनाव राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए हो सकता है. वहीं खबर ये भी है कि RSS भी महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है. इस खबर में हम आपको उन तीन महिलाओं के नामों के बारे में बताते हैं जिन्हें लेकर पार्टी के अंदर अटकलें चल रही हैं.
निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण इस समय देश की वित्त मंत्री हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदारों में मानी जा रहीं हैं. ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. अगर निर्मला सीतारमण को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो कहीं ना कहीं बीजेपी की ताकत दक्षिण भारत में बढ़ेगी. वित्त मंत्री से पहले निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं. हर बड़ी जिम्मेदारी उन्होंने बखूबी निभाई है. वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण हर मौर्चे पर खरी उतरी हैं.
डी पुरनदेश्वरी
डी पुरनदेश्वरी 3 बार से लोकसभा सांसद और आंध्र प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं, साथ ही आंध्र प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं. डी पुरनदेश्वरी उस बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा रहीं हैं, जिसने दुनियाभर में जाकर पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब किया था.
वानति श्रीनिवासन
वानति श्रीनिवासन भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही कोयंबटूर दक्षिण से विधायक भी हैं. वानति श्रीनिवासन राजनीति में आने से पहले एक वकील रही हैं. साल 1993 से लगातार बीजेपी के साथ जुड़ी हुई हैं. राज्य सचिव, महासचिव और राज्य उपाध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारियां पार्टी के लिए संभाल चुकी हैं.
साल 2019 से जेपी नड्डा संभाल रहे जिम्मेदारी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाद साल 2019 में जेपी नड्डा ने बीजेपी अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली थी. साल 2024 में हुए आम चुनावों के बाद से ही माना जा रहा था कि जेपी नड्डा की जगह कोई और इस जिम्मेदारी को संभालेगा, लेकिन तब से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन का फैसला टलता आ रहा है.