उत्तर प्रदेश के संभल में एक और कुआं मिला है. इस कुएं की खुदाई खुद महंत और आसपास के श्रद्धालुओं ने की है. जानकारी के मुताबिक यह क्षेमनाथ तीर्थ मंदिर परिसर का मामला है. संभल में 68 तीर्थ और 19 कूप हैं और माना जाता है कि यहीं पर कल्कि का अवतार होगा.
तीर्थ के महंत बाल योगी दीनानाथ है. 68 तीर्थ 19 कूप में यह एकमात्र ऐसा कूप जिसे खोदने के बाद आठ फिट पर जल निकला है. बता दें कि यह कोतवाली संभल क्षेत्र के शहजादी सराय के क्षेमनाथ तीर्थ मंदिर का मामला है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही संभल में एक हनुमान मंदिर और राधा कृष्ण मंदिर भी मिला था.
इतना ही नहीं इन मंदिरों के साथ-साथ कुछ कुएं भी मिले थे, जिन्हें बंद कर दिया गया था. दरअसल, शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन की तरफ से एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं. प्रशासन ने हाल ही में एक प्राचीन शिव मंदिर की भी खोज की थी, जो कथित तौर पर 1978 से बंद था. इस बीच चंदौसी में शनिवार को राजस्व विभाग ने एक जमीन की खुदाई की तो उसके नीचे एक विशालकाय बावड़ी भी मिली है.
सवा सौ से डेढ़ सौ वर्ष पुरानी है बावड़ी: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी राजेंद्र पेसियां ने बताया कि खतौनी के अंदर पॉइंट 040 अर्थात 400 वर्ग मीटर क्षेत्र है. वह बावली तालाब के रूप में यहां दर्ज है. स्थानीय लोग बताते है कि बिलारी के राजा के नाना के समय बावड़ी बनी थी. इसका सेकंड और थर्ड फ्लोर मार्बल से बना है. ऊपर का तल ईटों से बना हुआ है. इसमें एक कूप भी है और लगभग चार कक्ष भी बने हुए हैं. धीरे धीरे मिट्टी निकाल रहे हैं ताकि इसकी संरचना को किसी भी प्रकार की कोई हानि न हो. वर्तमान में इसका 210 वर्ग मीटर एरिया ही लग रहा है, शेष क्षेत्रफल कब्जे में है. कम से कम सवा सौ से डेढ़ सौ वर्ष पुरानी बावड़ी हो सकती है.