दिल्ली सरकार बनाम उप राज्यपाल के बाद अब दिल्ली विधानसभा बनाम LG विवाद गहराया

एलजी(LG) ने अपने संदेश में कहा कि संसद में पास GNCTD एक्ट के मुताबिक ' विधानसभा ऐसा कोई कानून नहीं बना सकती, जिससे वह या उसकी समितियां राजधानी के रोजमर्रा के प्रशासन को देखे या उसके प्रशासनिक फैसलों की जांच करें.

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नई दिल्ली:

एलजी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 27 अप्रैल 2021 को GNCTD एक्ट में संशोधन के बावजूद दिल्ली विधानसभा ने अभी तक इसको लागू नहीं किया है. एलजी ने इसको लेकर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को इसे लागू करने का संदेश भेजवाया है.

एलजी ने कहा कि संशोधन के तहत विधानसभा या उसकी समितियों को दिल्ली के प्रशासनिक कामकाज और उस पर जांच करने का अधिकार नहीं है. संसद में पास GNCTD एक्ट के मुताबिक ' विधानसभा ऐसा कोई कानून नहीं बना सकती, जिससे वह या उसकी समितियां राजधानी के रोजमर्रा के प्रशासन को देखे या उसके प्रशासनिक फैसलों की जांच करें. 

उप राज्यपाल के संदेश के जवाब में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के दफ्तर ने जवाब दिया है. कहा कि GNCTD एक्ट में संशोधन को दिल्ली सरकार ने इस आधार पर चुनौती दी है कि ये संविधान के आर्टिकल 239AA का उल्लंघन करता है. इस संशोधन से विधानसभा की समिति व्यवस्था नॉन फंक्शनल हो गई है. यह संशोधन विधानसभा और उसकी समितियों को प्रशासनिक फैसलों की जांच से रोकता है. अगर विधानसभा की समितियां यह नहीं करेंगी तो क्या करेंगी? संयुक्त राष्ट्र के के मामलों की जांच? 

विधायी समितियां प्रशासनिक फैसलों को देखती हैं और सरकार से अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए कहती हैं. अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो हाल ही में पिटीशन कमेटी ने कुछ एसडीएम और एडीएम के आदेशों की जांच. इस जांच की वजह से चार एसडीएम दो एडीएम एक sub-registrar और कुछ अन्य लोग निलंबित हुए हैं. 

सैकड़ों करोड़ रुपए की सरकारी जमीन प्राइवेट पार्टियों को अवैध ट्रांसफर से बची. ऐसी जांच को क्यों रोका जा रहा है? विधायिका इन समितियों के माध्यम से कार्यपालिका की जवाबदेही को लागू करती है. अनुच्छेद 239AA के तहत कार्यपालिका विधानसभा के प्रति जवाबदेह है." संसद एक संशोधन करके विधायिका के इस मूलभूत काम को नहीं छीन सकती, लेकिन एक संशोधन के माध्यम से ऐसा किया गया. एलजी जिस संशोधन को लागू करना चाहते हैं, वह समितियों को प्रभावी ढंग से समाप्त कर देगा.

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