घरों पर झंडे का फोटो प्रूफ मांगने के बाद BJP नेता ने दी सफाई, साथ ही पूछा- 'इसमें हिचकिचाहट क्यों?'

उत्तराखंड कांग्रेस प्रमुख करण मेहरा ने कहा, "भाजपा और संघ परिवार ने राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं किया और 52 साल तक आरएसएस मुख्यालय में इसे लगाने से इनकार कर दिया."

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देहरादून/नई दिल्ली:

राष्ट्रीय ध्वज नहीं लगाने वाले घरों की फोटो और 'हर घर तिरंगा' अभियान को 'विश्वास परीक्षा' के रूप में देखे जाने मांग के दो दिन बाद उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आज एक और स्पष्टीकरण जारी किया. उन्होंने कहा कि उनकी तस्वीरों की मांग केवल भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों के लिए है, आम जनता के लिए नहीं. समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए बयान में उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि उनमें से प्रत्येक (भाजपा कार्यकर्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान का जवाब दे."

दो दिनों पहले भट्ट के बयानों में एक चेतावनी थी. जिसका वीडियो वायरल हो गया और विपक्ष ने इसकी आलोचना की. उन्होंने अविश्वास की बात की थी और पूछा कि 'इसमें समस्या क्या है?' उसी तर्ज पर उन्होंने आज कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि जो कोई भी इस देश के लिए महसूस करता है, वह अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में संकोच नहीं करेगा. यह स्वाभाविक ही है. आखिर किसी भारतीय को इसमें दिक्कत क्यों हो?"

विवाद की शुरुआत उनके हल्द्वानी में दिए 10 अगस्त के बयान से हुई. जिसमें उन्होंने कहा था, "हम उस घर पर भरोसा नहीं कर पाएंगे, जहां तिरंगा नहीं है. मुझे ऐसे घरों की तस्वीरें चाहिए. समाज को ऐसे घरों, ऐसे परिवारों को देखना चाहिए."

वहीं कल उन्होंने देहरादून में कहा कि उनका इरादा किसी पर शक करने का नहीं था, लेकिन फिर पूछा, "इस अवसर को मनाने के लिए किसी भी भारतीय को अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में समस्या क्यों होनी चाहिए?"

उन्होंने कहा, "हमारे स्वतंत्रता सेनानी झंडा फहराने के लिए फांसी पर चढ़ गए. मैं चाहता हूं कि देश भर में हर घर में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने के लिए पीएम के आह्वान के जवाब में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए." हम स्वतंत्रता का 75वां वर्षगांठ मना रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस पर इस मुद्दे का बेवजह राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.

राज्य कांग्रेस प्रमुख करण मेहरा ने भाजपा और उसके संरक्षक, आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा, "मैं महेंद्र भट्ट के इस बयान से सहमत हूं कि हम उन लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते जो झंडा नहीं फहराते हैं. भाजपा और संघ परिवार (आरएसएस और सहयोगी) ने राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं किया. 52 साल तक आरएसएस मुख्यालय में इसे लगाने से इनकार कर दिया."

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उन्होंने कुछ अन्य वादों को भी सूचीबद्ध करते हुए कहा, "वे अब इसे हर घर में लगाने की बात कर रहे हैं, ताकि लोग अपने वादों से भटक जाएं. चाहे वह 100 दिनों में काला धन वापस लाना हो या हर साल 2 करोड़ नौकरियां देनी हो."

आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए कांग्रेस ने यह भी कहा कि लोग झंडा खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते. इसके जवाब में, महेंद्र भट्ट ने आज पीटीआई को बताया, "सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों से लोगों के बीच राष्ट्रीय ध्वज वितरित किया जा रहा है. पार्टी भी इसमें मदद कर रही है." उन्होंने कहा, "इस तर्क का कि लोगों के पास झंडा खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, इसका कोई मतलब नहीं है."

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