अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल से 168 यात्रियों को लेकर वायु सेना का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर गाजियाबाद के हिंडन एयपबेस पर पहुंचा. इन यात्रियों में 24 अफगान सिख हैं. इनमें दो अफगान सांसद यानी सीनेटर अनारकली और नरेंद्र सिंह खालसा भी शामिल हैं. अनारकली तालिबान के खिलाफ मुखर रहीं हैं. ज्यादातर यात्रियों का कहना है कि वे अब शायद कभी काबुल न लौटें.
हिंडन एयरबेस से निकले एक सिख सरदार ने वहां के हालात के बारे में बताया कि लोग आठ दिनों से अपने को गुरुद्वारे में कैद किए हुए थे. सरदार ने कहा कि तालिबानी वहां लोगों को ढूंढ़-ढूंढ़कर तलाशी ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर जब लोगग इंतजार कर रहे थे तब तालिबानी लोगों को उठाकर ले गए थे. हालांकि, बाद में छोड़ दिया. नरेंद्र सिह खालसा तो आपबीती बताते हुए रो पड़े.
काबुल से लौटे एक युवक ने बताया कि वो एक स्टील प्लांट में काम करते थे और वतन की मिट्टी पर कदम रखते हुए उन्होंने सुकून की सांस ली. वो कभी दोबारा अफगानिस्तान नहीं लौटना चाहते. एक अफगानी महिला ने बताया कि उनके घर को तालिबान ने जला दिया है. वो किसी भी तरह बस भारत आना चाहती थीं. परिवार के साथ आकर भारत पहुंचकर उन्होंने राहत की सांस ली.
बीवी-बच्चे के साथ भारत आए एक अफगानी युवक ने कहा कि हमारे जैसे हजारों लोग बस किसी तरह काबुल या अफगानिस्तान के किसी अन्य शहर से बाहर निकलना चाहते हैं. उन्हें तालिबान पर भरोसा नहीं है. तालिबान के भरोसे के बावजूद वो अपना भविष्य अफगानिस्तान में नहीं देखते. भारत में रोजी-रोटी के सवाल पर युवक ने कहा कि हमारे काफी पुराने रिश्ते भारत से रहे हैं. इंशाअल्लाह हम खुद को और परिवार को चला लेंगे.