'देवबंद जाना चाहिए या नहीं?', जानें अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने क्या दिया जवाब

अफगान तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं. इस दौरान वो सहारनपुर जिले में स्थित देवबंद का दौरा कर रहे हैं.

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नई दिल्ली:

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मुत्ताकी के यूपी के सहारनपुर जिले में स्थित दारुल उलूम देवबंद के दौरे की चर्चा भारत, अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान तक है. नई दिल्ली पहुंचे मुत्तकी से जब देवबंद दौरे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि देवबंद जब कोई जाता है तो क्या करता है, नमाज पढ़ता है, इस्लामिक नेताओं से मिलता है, तालिबान (छात्र) से मिलता है. देवबंद इस्लाम का एक तारीख मरकज है. इसका इतिहास है.

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मुत्ताकी ने कहा, देवबंद के उलेमा और अफगानिस्तान के उलेमाओं के बीच बहुत पुराना ताल्लुकात है. इसी देवबंद मसलक को मानने वाले अफगानिस्तान में भी हैं. देवबंद को हम एक रूहानी मरकज समझता है. हम चाहते हैं कि हमारी इस्लामिक नेताओं से मुलाकात हो जाए. दोनों देशों के बीच यहां आना-जाना शुरू हो जाए. अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में छात्र देवबंद में इंजीनियरिंग और अन्य विषयों में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं.

पाकिस्तान के नेताओं के आरोपों और अफगानिस्तान में पाक विरोधी हमलों की साजिश रचे जाने से जुड़े सवाल पर मुत्ताकी ने बिना नाम लिए कहा कि हम किसी भी देश के खिलाफ किसी भी गतिविधियों को पनाह देने के पक्ष में नहीं है. लेकिन जो ये सवाल उठाता है, उससे पूछो.जो लोग ये बात कर रहे हैं, उनसे पूछो कि इसका सबूत कहां है.

भारत विरोधी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान की जमीन के इस्तेमाल के सवाल पर मुत्ताकी ने कहा कि वो ये कैसे कर सकता है. वहां हमारी मजबूत हुकूमत है. हम वहां ऐसा नहीं होने देंगे.

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