अफगानिस्तान पर तालिबानियों के कब्जे के बाद कई जिंदगियां खतरे में पड़ गई हैं. लोग अब इस अफगानिस्तान से सुरक्षित अपने घर आना चाहते हैं. केरल की एक महिला भी इन्हीं संघर्षों से जूझ रही है. केरल की हने वाली महिला की बेटी 2017 में लापता हो गई थी. महिला के मुताबिक उसकी लापता बेटी ने आतंकी समूह आईएसआईएस में शामिल होने के बाद अफगान बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. अब अफगानिस्तान में जारी तनाव के बीच महिला को अफगानिस्तान की जेल में बंद बेटी की चिंता हो रही है. महिला ने भारत सरकार से उसे वापस लाने और भारतीय कानून के तहत उसके अपराधों का लेखा-जोखा करने का अनुरोध किया है.
बिंदू संपत ने तालिबान द्वारा अफगान जेल से कैदियों को रिहा करने की खबर सुनने के बाद बेटी निमिशा फातिमा को वापस लाने की अपील की है. बिंदू ने बताया कि 2019 में अफगान बलों के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद निमिषा फातिमा अफगान की जेल में बंद थी. तालिबान द्वारा जेल से कैदियों को रिहा करने के बाद निमिषा की कोई खोज खबर नहीं है.
फातिमा (परिवर्तित होने से पहले निमिषा) और उसका पति ईशा (परिवर्तित होने से पहले बेक्सिन) (फाइल)
बिंदू संपत ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता है कि उनकी पोती, जो कल पांच साल की हो जाएगी, तालिबान के हाथों में पड़ सकती है.
संपत ने एनडीटीवी को बताया कि "जब मैंने खबर सुनी कि उन्हें रिहा कर दिया गया है, तो मैं बहुत खुश थी. लेकिन शाम तक मैंने दुखद खबर सुनी कि उन्हें रिहा नहीं किया गया था, भारत सरकार द्वारा आतंकवादियों को सौंप दिया गया था."
संपत ने कहा, "अगर उसने देश के साथ कुछ भी गलत किया है, तो उसे भारतीय कानून के माध्यम से सजा होनी चाहिए. यही मैं चार साल से कह रही हूं. अगर उसे अफगानिस्तान से निर्वासित किया जाता है, तो मैं अपनी पोती की देखभाल कर सकती हूं. अन्यथा, वह आतंकवादियों का शिकार बन जाएगी. मुझे नहीं पता कि भारत सरकार उसे वापस लाने की अनुमति क्यों नहीं दे रही है.”
संपत ने कहा, "मेरी बेटी का आतंकवादियों और एक डॉक्टर ने ब्रेनवॉश किया था, जो उसके साथ तिरुवनंतपुरम के एक कोचिंग सेंटर में थे... केरल के 21 लोग 2017 में लापता हो गए थे और इसके पीछे मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद और चार अन्य थे..."
संपत ने आरोप लगाया कि खुफिया लोगों के बीच असहमति है और इसलिए उनकी बेटी की घर वापसी को रोक दिया गया है. निमिषा फातिमा और उनकी चार साल की बेटी तब से अफगानिस्तान जेल में हैं, जब से उन्होंने और महिलाओं और बच्चों सहित 400 अन्य लोगों ने अफगान बलों के सामने आत्मसमर्पण किया है. उसके पति को आईएसआईएस के ठिकाने पर अमेरिकी हवाई हमले में मार गिराया गया था.
अफगानिस्तान ने उसे और अन्य महिलाओं को केरल से निर्वासित करने की पेशकश की थी. संपत ने कहा, "मेरी पोती कल पांच साल की हो जाएगी. मैंने उसे अभी तक नहीं देखा है. जब मेरी बेटी यात्रा कर रही थी, वह सात महीने की गर्भवती थी. मैंने अधिकारियों से उस व्यक्ति के बारे में शिकायत की जो उसे और 21 अन्य लोगों को ले गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.."