NDTV से बोले अदार पूनावाला: वैक्‍सीन का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए 3000 करोड़ रुपये की जरूरत

पूनावाला ने कहा क‍ि ऐसा नहीं है कि हम मुनाफा नहीं कमा रहे लेकिन हम सुपर प्रॉफिट नहीं बना रहे जो पुर्नर्निवेश (re-invest) के लिहाज से अहम है. '

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
अदार पूनावाला ने कहा, मोदी सरकार के अनुरोध पर हम रियायती रेट पर वैक्‍सीन उपलब्‍ध करा रहे हैं
नई दिल्‍ली:

ऐसे समय जब भारत, कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और केंद्र सरकार अधिक से अधिक कोरोना वैक्‍सीन डोज की जरूरत महसूस कर रही है, वैक्‍सीन Covishield बनाने वाले सीरम इंस्‍टीट्यूट को अपना उत्‍पादन बढ़ाने के लिए करीब 3000 करोड़ रुपये की जरूरत है. सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने मंगलवार को यह बात कही. पूनावाला, जिन्‍होंने इससे पहले कहा था कि SII काफी रियायती दर पर शुरुआती 100 मिलियन डोज की आपूर्ति को सहमत है, ने अब कहा है कि कंपनी को अब की तुलना में बड़ा मुनाफा कमाना चाहिए था ताकि इस राशि को उत्‍पादन और सुविधाओं के लिए पुर्नर्निवेश किया जा सकता और वैक्‍सीन की अधिक डोज उपलब्‍ध कराई जा सकतीं.

दिल्ली में अब 24 घंटे होगा टीकाकरण, वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार का फैसला

पूनावाला ने NDTV से बातचीत में कहा, 'हम भारतीय बाजार में वैक्‍सीन करीब 150-160 रुपये की दर से सप्‍लाई कर रहे हैं जबकि वैक्‍सीन की औसत कीमत लगभग 20 डॉलर (1,500 रुपये) है. नरेंद्र मोदी सरकार के अनुरोध पर हम रियायती रेट पर वैक्‍सीन उपलब्‍ध करा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि हम मुनाफा नहीं कमा रहे लेकिन हम सुपर प्रॉफिट नहीं बना रहे जो पुर्नर्निवेश (re-invest) के लिहाज से अहम है.

कोरोना लहर के बीच उदारता की मिसाल! वैक्सीन लगवाने वालों के लिए मुफ्त भोजन का इंतजाम

इससे पहले, अदार पूनावाला ने रविवार को कोविड-19 वैक्सीन का इंतजार कर रहे देशों से धैर्य रखने का आग्रह किया था और कहा था कि कंपनी भारत की जरूरतों को प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि भारत की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही कंपनी बाकी दुनिया की जरूरतों को भी पूरा करने की पूरी कोशिश कर रही है. पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘‘प्रिय देशों और सरकारों, जैसा कि आप कोविशील्ड की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं, मैं विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया धैर्य रखें, सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया को भारत की विशाल जरूरतों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है और इसके साथ ही बाकी विश्व की जरूरतों को पूरा करने की हम पूरी कोशिश कर रहे हैं.''

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jharkhand में क्यों नहीं मिला 40 लाख से अधिक लोगों को पेंशन? एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे पक्ष-विपक्ष