राणा सांगा को देशद्रोही कहना पूरे राजस्थान और भारत की शौर्य भूमि का अपमान : आचार्य प्रमोद कृष्णम

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राणा सांगा को देशद्रोही कहना पूरे मेवाड़, चित्तौड़, राजस्थान और भारत की गौरवशाली भूमि का अपमान बताया. उन्होंने रामजी लाल सुमन के बहाने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भी निशाने पर लिया.

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गाजियाबाद:

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन के राज्यसभा में मेवाड़ के शासक राणा सांगा पर दिए विवादित बयान को लेकर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर विवादित बयान पर अब पूर्व कांग्रेस नेता और कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पलटवार किया है.

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राणा सांगा को देशद्रोही कहना पूरे मेवाड़, चित्तौड़, राजस्थान और भारत की गौरवशाली भूमि का अपमान बताया. उन्होंने रामजी लाल सुमन के बहाने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भी निशाने पर लिया.

इसके साथ ही उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए यह भी दावा किया कि बिहार में फिर एक बार एनडीए की सरकार बनेगी. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोमवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि बिना सपा प्रमुख की सहमति के उनके पार्टी के सांसद संसद के भीतर इतना अपमानजनक बयान नहीं दे सकते हैं. राणा सांगा को गद्दार कहना पूरी मेवाड़ और चित्तौड़ का अपमान है, राजस्थान का अपमान है और भारत की पूरी शौर्य भूमि का अपमान है.

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बता दें कि सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा था, "मुझे यह जानना है कि बाबर को भारत में लाने वाला कौन था? क्या इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा ने नहीं बुलाया था? अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं, तो फिर बीजेपी वाले उस गद्दार राणा सांगा की औलाद हैं."

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इसके अलावा, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर अपमानजनक टिप्पणी करने पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि कॉमेडियन का काम कॉमेडी करना होता है, शिवसेना के कार्यकर्ता उनके विवादित टिप्पणी से आहत हुए हैं और शिवसेना तो जानी इसलिए जाती थी कि जो उनके खिलाफ लिखेगा, उसका इलाज उसी तरह से किया जाएगा.

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बिहार के चुनाव को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि बिहार की जनता जातिवाद की राजनीति से तंग आ चुकी है. पूरे देश में राष्ट्र भक्त और राष्ट्र की नीति चलेगी. बिहार में पूरे बहुमत से भाजपा और गठबंधन की सरकार बनेगी.

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बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच है.

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