हिंसा प्रभावित नूंह में बुलडोजर कार्रवाई के तीसरे दिन ढहाए गए करीब 24 मेडिकल स्टोर

नूंह में नलहड़ के शहीद हसन खान मेवाती सरकारी मेडिकल कॉलेज में भारी पुलिस तैनाती के बीच अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने स्थित लगभग दो दर्जन दुकानों, जिनमें ज्यादातर फार्मेसी थीं, को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर चलाया गया.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins

नूंह जिला प्रशासन की "अवैध" निर्माण के खिलाफ कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रही. (स्क्रीनग्रैब)

नई दिल्ली:

हरियाणा के नूंह जिला प्रशासन की "अवैध" निर्माण के खिलाफ कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रही. आज सुबह लगभग दो दर्जन मेडिकल स्टोर और अन्य दुकानों को जमींदोज किया गया. प्रशासन ने गुरुवार शाम को हिंसा प्रभावित नूंह से करीब 20 किमी दूर तावड़ू में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रहने वाले अप्रवासियों की झोपड़ियों को तोड़ दिया था. 

नूंह में नलहड़ के शहीद हसन खान मेवाती सरकारी मेडिकल कॉलेज में भारी पुलिस तैनाती के बीच अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने स्थित लगभग दो दर्जन दुकानों, जिनमें ज्यादातर फार्मेसी थीं, को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर चलाया गया. ये दुकानें वहां वर्षों से हैं.

बता दें कि शुक्रवार को भी दिन भर अलग-अलग जगहों पर बुलडोजर की कार्रवाई जारी रही. वहीं, जिला प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद रहीं. अलग-अलग इलाकों में अब तक 50 से 60 निर्माण तोड़े जा चुके हैं. गिरफ्तारी के डर से कई लोग भाग गए हैं.

विश्व हिंदू परिषद के धार्मिक जुलूस को रोकने की कोशिश को लेकर हुई झड़प के बाद पूरे नूंह में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पिछले कुछ दिनों में गुरुग्राम में हिंसा फैल गई है. इस सांप्रदायिक हिंसा के दौर में दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हो गई है.

सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन ने उन सभी अवैध कब्जों को हटाना शुरू कर दिया है, जिन्हें पिछले कई सालों से नहीं हटाया जा सका था. स्थानीय विधायक और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद ने इस तरह की कार्रवाई पर विरोध जताया है.

Advertisement

उन्होंने बुलडोजर वाली कार्रवाई का एक वीडियो ट्वीट कर लिखा, " नूंह में सिर्फ गरीबों के घर ही नहीं तोड़े जा रहे हैं, बल्कि आम लोगों की आस्था और विश्वास को भी तोड़ा जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि एक महीने की बैक डेट में नोटिस देकर आज घर और दुकानें तोड़ दी गईं. सरकार प्रशासनिक विफलताओं को छिपाने के लिए गलत कार्रवाई कर रही है, यह दमनकारी नीति है.'' 

यह भी पढ़ें -
-- मणिपुर मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से 21 अगस्त को विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश की
-- आम चुनाव में उम्मीदवारी के लिए आयु सीमा 25 साल से घटाकर 18 साल करने का सुझाव

Advertisement
Topics mentioned in this article