कोर्ट से लेकर वोट तक... अभिजीत गंगोपाध्याय और उनसे जुड़े विवाद

अपने करियर में कई अभूतपूर्व कदम उठाने वाले अभिजीत ने एक बार फिर ऐसा ही किया है. दरअसल, उन्होंने हाई कोर्ट से इस्तीफा दे दिया है और जल्द ही वह राजनीति में शामिल होने वाले हैं. पूर्व जज ने मंगलवार को बताया कि वह 7 मार्च को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

Advertisement
Read Time: 5 mins
7
कोलकाता:

पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय का कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपने कार्यकाल के दौरान वकीलों, तृणमूल कांग्रेस और एक साथी न्यायाधीश के साथ विवाद हो गया था और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने एक घोटाले मामले में इंटरव्यू देने को लेकर उनकी खिंचाई भी की थी. अपने करियर में कई अभूतपूर्व कदम उठाने वाले अभिजीत गंगोपाध्याय ने एक बार फिर ऐसा ही किया है.

दरअसल, उन्होंने हाई कोर्ट से इस्तीफा दे दिया है और जल्द ही वह राजनीति में शामिल होने वाले हैं. पूर्व जज ने मंगलवार को बताया कि वह 7 मार्च को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. गंगोपाध्याय ने कथित तौर पर रिश्वत के बदले नौकरी घोटाले पर एक बंगाली समाचार चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी के खिलाफ बोला था, अप्रैल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने उन पर कड़ा रुख अपनाया था और कहा था कि न्यायाधीशों को लंबित मामलों पर इंटरव्यू देने का कोई अधिकार नहीं है.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 24 अप्रैल को कहा था, "मैं बस यह कहना चाहता हूं कि जज को उन मामलों पर इंटरव्यू देने का काम नहीं जो लंबित हैं. यदि उन्होंने याचिकाकर्ता के बारे में ऐसा कहा है तो उन्हें कार्यवाही में हिस्सा लेने का कोई अधिकार नहीं है. सवाल यह है कि क्या एक जज, जिसने राजनीति से जुड़े लोगों पर बयान दिया है, उसे सुनवाई का हिस्सा रहना चाहिए? इसकी कुछ प्रक्रिया होनी चाहिए."

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को आदेश

कुछ दिनों बाद, 28 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपने के लिए कहा था और कहा था कि "न्याय प्रशासन में जनता के विश्वास को बनाए रखने की आवश्यकता" को देखते हुए यह जरूरी है. उसी दिन, गंगोपाध्याय ने सर्वोच्च न्यायालय के महासचिव को एक आदेश जारी किया, जिसमें निर्देश दिया गया कि उन्हें हटाने से संबंधित दस्तावेज़ आधी रात तक उनके समक्ष प्रस्तुत किए जाएं. 

Advertisement

उन्होंने अपने आदेश में लिखा, "मैं भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के महासचिव को निर्देश देता हूं कि वो मेरे सामने रिपोर्ट और मीडिया में मेरे द्वारा दिए गए इंटरव्यू का आधिकारिक अनुवाद और इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के हलफनामे की मूल प्रति आज आधी रात 12 बजे तक पेश करें." उन्होंने कहा कि वह दस्तावेजों के लिए 12:15 बजे तक अपने कक्ष में इंतजार करेंगे. उसी शाम को सुप्रीम कोर्ट ने गंगोपाध्याय के ऑर्डर को होल्ड पर डाल दिया था. 

Advertisement

वकीलों ने किया था बहिष्कार

पिछले साल दिसंबर में, कलकत्ता उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने अभिजीत गंगोपाध्याय के बहिष्कार की घोषणा की थी, जब न्यायाधीश ने अवमानना के आरोप में एक वकील को अपने न्यायालय कक्ष से गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. हालांकि, 18 दिसंबर को जारी किए गए इस ऑर्डर को उन्होंने बाद में वापस ले लिया था. एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से संपर्क किया था और उनसे गंगोपाध्याय से सभी न्यायिक कार्य वापस लेने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन का कोई भी सदस्य उनकी अदालत में तब तक कदम नहीं रखेगा जब तक वह संबंधित वकील और बार से माफी नहीं मांग लेता. 

Advertisement

इसके बाद गंगोपाध्याय दो दिनों तक अदालत से दूर रहे और फिर बार एसोसिएशन के सदस्यों से बात की, और उनसे "किसी भी गलतफहमी को भूल जाने" के लिए कहा, जिसके बाद बहिष्कार हटा लिया गया था. 

जज vs जज

इस साल की शुरुआत में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सौमेन सेन और उदय कुमार की खंडपीठ ने गंगोपाध्याय के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें बंगाल में मेडिकल प्रवेश की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था. न्यायाधीश ने सेन पर एक राजनीतिक दल के लिए काम करने का आरोप लगाया था. उन्होंने यह भी कहा था कि जस्टिस सेन और कुमार द्वारा पारित आदेश "पूरी तरह से अवैध था और इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए".

उच्चतम न्यायालय ने बाद में इस मुद्दे पर ध्यान दिया था और गंगोपाध्याय के आदेश सहित मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय की सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

अब नई पारी

मंगलवार को अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए गंगोपाध्याय ने कहा कि वह भाजपा में शामिल होंगे और उनके शामिल होने की अस्थायी तौर पर गुरुवार को योजना बनाई गई है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत मेहनती व्यक्ति के रूप में प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "तृणमूल टूट रही है... इसका मतलब है भ्रष्टाचार. पीएम मोदी बहुत मेहनती आदमी हैं और वह इस देश के लिए कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं. भगवान और धर्म में विश्वास करते हैं, लेकिन सीपीएम ऐसा नहीं करती है और कांग्रेस एक की जमींदारी है."

यह भी पढ़ें : जस्टिस अभिजीत गांगुली ने कलकत्ता HC से दिया इस्तीफ़ा, BJP में हो सकते हैं शामिल

यह भी पढ़ें : कलकत्ता हाईकोर्ट जज ने वकील को कराया गिरफ़्तार, बार एसोसिएशन ने जज का कर दिया बायकॉट

Featured Video Of The Day
IIFA Awards में Aishwarya Rai ने Motherhood पर दिया खास संदेश | NDTV Exclusive
Topics mentioned in this article