आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अवैध नियुक्ति से जुड़े मामले में आज जमानत दे दी है. विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल ने कहा, “इस आवेदन को स्वीकार किया जाता है. एक लाख रुपये का निजी बांड (उतनी ही राशि के एक मुचलके के साथ) भरना होगा.” इससे पहले मंगलवार को अदालत ने खान की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि अमानतुल्लाह को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने 16 सितंबर को उनके घर पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था. अधिकारियों ने उसके घर से 24 लाख रुपये और दो अवैध हथियार जब्त किए थे. एसीबी ने यह भी आरोप लगाया था कि तलाशी दल पर उनके रिश्तेदारों और समर्थकों ने आवास के बाहर हमला किया.
एसीबी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए खान ने दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया. एसीबी ने यह आरोप भी लगाया था कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में खान ने वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को अवैध रूप से किराए पर दिया. जमानत मिलने के बाद अमानतुल्लाह ने ट्वीट करके लिखा- सच की जीत हुई...
बता दें, वर्ष 2020 में एसीबी ने यह मामला दर्ज किया था. 2018 से 2020 के बीच गड़बड़ी के आरोप हैं. इसी साल अगस्त में एसीबी ने एलजी को पत्र लिखा था कि अमानतुल्लाह को वक्फ बोर्ड चैयरमेन पद से हटाया जाए क्योंकि उनका स्वभाव बहुत आक्रामक है और वो आपराधिक किस्म के शख्स हैं. इस वजह से उनके खिलाफ कोई गवाह आने को तैयार नहीं है. एसीबी ने उनके खिलाफ दर्ज 23 आपराधिक मामलों का हवाला भी दिया था.
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