प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी मामला : आप नेता संजय सिंह को SC से राहत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो हाईकोर्ट का समन रद्द न करने के फैसले में दखल देने का इच्छुक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को ट्रायल कोर्ट में जाने के लिए कहा है.

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निचली अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में संजय सिंह को 15 अप्रैल 2023 को पेश होने का आदेश दिया था.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी करने के मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात की निचली अदालत के ट्रायल में दखल देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि संजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो हाईकोर्ट का समन रद्द न करने के फैसले में दखल देने का इच्छुक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को ट्रायल कोर्ट में जाने के लिए कहा है. गुजरात हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत का समन रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी.

आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज सुनवाई की गई. प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी मामले में संजय सिंह ने गुजरात हाईकोर्ट द्वारा निचली अदालत के समन को रद्द करने की मांग को खारिज करने वाले आदेश को चुनौती दी थी.

बता दें, हाईकोर्ट ने 16 फरवरी को संजय सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मानहानि मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी. गुजरात की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने केजरीवाल और संजय सिंह को पीएम मोदी की शैक्षणिक डिग्रियों के संबंध में उनके व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयानों पर मानहानि मामले में तलब किया था. इस संबंध में गुजरात यूनिवर्सिटी ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा किया था.

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गौरतलब है कि निचली अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में समन जारी कर संजय सिंह को पिछले साल 15 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया था. जिसे संजय सिंह ने पहले गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी लेकिन राहत ना मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

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क्या है पीएम मोदी की डिग्री से संबंधित मामला

दरअसल, यह मामला सात साल पुराना है. अप्रैल 2016 में केंद्रीय सूचना आयोग ने केजरीवाल से उनके चुनावी फोटो पहचान पत्र के बारे में जानकारी मांगी थी. इस दौरान केजरीवाल ने कहा था कि वो सीआईसी को अपने बारे में जरूरी जानकारी देने के लिए तैयार हैं लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि पीएम मोदी को भी उनकी शैक्षिक डिग्री के विवरण का खुलासा करना चाहिए.

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अरविंद केजरीवाल के जवाब में सीआईसी ने बतौर नागरिक का आरटीआई आवेदन माना. इसके बाद तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलु ने पीएम कार्यालय को दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय से पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियों की संख्या और वर्ष प्रदान करने का निर्देश दिया था. यह निर्देश इसलिए दिया गया था ताकि पीएम मोदी से संबंधित कोई भी दस्तावेज खोजने और प्रदान करने में आसानी हो. 

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गुजरात विश्वविद्यालय ने दर्ज किया था मामला

गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 500 के तहत मामला दर्ज किया था. शिकायत में उन्होंने कहा था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के और एक्स पर अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. इससे संस्थान की छवि को नुकसान हुआ है.

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