दिल्ली की सियासत में आए दिनों आप और बीजेपी के बीच किसी ने किसी मसले पर खींचतान होती ही रहती है. अब आप पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया पर फीडबैक यूनिट की आड़ में एक फर्जी मुकदमा किया गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी आरोप लगाती है कि मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री और बीजेपी के सीनियर नेताओं की 2015 के बाद लगातार जासूसी करवाई इसके चलते हैं. उन पर सीबीआई का एक और मुकदमा दर्ज हो गया. राघव चड्ढा ने कहा कि मैं केंद्र में बैठी प्रचंड बहुमत की बीजेपी सरकार से पूछना चाहता हूं कि एक आधे राज्य का आधा उपमुख्यमंत्री पिछले 8 सालों से देश के प्रधानमंत्री मोदी और कितनी बड़ी प्रचंड बहुमत की बीजेपी सरकार के नेताओं की जासूसी करवा रहा था. लेकिन इसकी कानो कान खबर ना केंद्र सरकार को थी और ना केंद्र सरकार की एजेंसियों जैसे सीबीआई ईडी एनआईए को थी.
अगर ऐसा हो रहा है तो सबसे बड़ा सवाल तो केंद्र सरकार की एजेंसियों पर खड़ा होता है. अगर 8 साल से आप आधी सरकार का आधा उपमुख्यमंत्री आपकी जासूसी करवा रहा था और आपको 8 साल तक पता नहीं चला तो फिर तो चीन और पाकिस्तान तो आपके साथ क्या-क्या करता है उसके साथ तो आप कुछ कर ही नहीं पाएंगे. मैं बीजेपी वालों को कहना चाहता हूं कि अगर किसी ने जासूसी की है तो सबसे पहले nia, raw, IB के बड़े-बड़े अधिकारियों को सस्पेंड करें. उनको पकड़ कर जेल में डालें और उन पर मुकदमे करें क्योंकि वह चूक गए. मैं बीजेपी वालों को हिदायत देना चाहता हूं कि आरोपों ऐसे लगाओ कि लोग विश्वास तो करें. फीडबैक यूनिट की आड़ में मनीष सिसोदिया पर दर्ज की गई एफ आई आर फैक्ट नहीं फिक्शन पर आधारित है. यह बीजेपी के मन के ख्याल हैं. इनका एक ही मकसद है कि मनीष सिसोदिया बाहर ना आ पाए.
एक मुकदमे में जमानत मिले तो दूसरा मुकदमा हो जाए दूसरे में जमानत में मिले तो तीसरा हो जाए. केजरीवाल का दाहिना हाथ मनीष सिसोदिया जेल से बाहर ना आ पाए इसी कोशिश में पूरी केंद्र सरकार लगी हुई है. मैं बीजेपी को कहना चाहता हूं कि अपनी जांच एजेंसियों का ध्यान आम आदमी पार्टी और मनीष सिसोदिया से हटा कर उन लोगों पर डालिए जो लोग आपके नाम का इस्तेमाल करके भारत की एजेंसियों का भारत की सुरक्षा विभाग और पुलिस का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. अभी हमने हाल ही में देखा कि गुजरात के बीजेपी के एक साधारण कार्यकर्ता किरण पटेल अपने आप को प्रधानमंत्री कार्यालय का एडिशनल डायरेक्टर बताकर पिछले 6 महीने से कश्मीर में रह रहे हैं. उनको कश्मीर की स्थानीय प्रशासन ने जेड प्लस सिक्योरिटी दी हुई है 2 जैमर 4 बुलेटप्रूफ गाड़ी उनके साथ चल रही है.
आईएएस आईपीएस के ट्रांसफर करवा रहे थे और पिछले 6 महीने से कश्मीर में मौज मस्ती कर रहे थे और वह भी सरकारी पैसे से सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करके. उनकी एक ही काबिलियत थी कि वह गुजरात इकाई के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे. अगर जांच करनी है तो ऐसी जासूसी की जांच कीजिए. ऐसा शख्स जिसने हमारी जम्मू-कश्मीर पुलिस की सिक्योरिटी को भेद दिया. उसकी जांच नहीं करेंगे क्योंकि वह गुजरात का बीजेपी कार्यकर्ता है. लेकिन मनीष सिसोदिया की जांच करेंगे यह कहकर कि वह पिछले 8 साल से प्रधानमंत्री की जासूसी कर रहा है. दूसरा मुद्दा यह है की बीजेपी दिल्ली विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आना चाह रही है. दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 70 में से 36 विधायक चाहिए होते हैं. AAP के पास 70 में से 62 विधायक हैं और बीजेपी के पास केवल 8 विधायक हैं.
इन 8 सीटों की बदौलत बीजेपी दिल्ली विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाकर केजरीवाल सरकार गिराना चाहती है. सरकार गिराने के लिए आपको विधायक चाहिए. सरकार अगर बीजेपी की तरफ हो जाए तो सरकार गिर जाती है, आपने दूसरे राज्यों में भी देखा कि ऐसा हुआ. आज वैसे ही बीजेपी दिल्ली में कर रही है. मेरा आरोप है कि अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी के विधायकों से संपर्क कर रही है उनको डरा रही है धमका रही है और दो विकल्प दे रही है. पहला- बीजेपी ज्वाइन कर लो, केजरीवाल को छोड़ दो. दूसरा- अगर पहला ऑप्शन पसंद नहीं है तो हम आपको पकड़कर सीबीआई ईडी आप को जेल में डाल देंगे. यह दो विकल्प हमारे कई विधायकों के सामने बीजेपी रख रही है और साफ तौर पर कह रही है कि केजरीवाल का दामन छोड़ो आम आदमी पार्टी की पीठ में छुरा घोंप और बीजेपी में शामिल हो जाओ ताकि हम इस अविश्वास प्रस्ताव के सहारे अरविंद केजरीवाल की सरकार गिरा दे. दिल्ली में बीजेपी की नापाक कोशिश चल रही है लोकतंत्र से खिलवाड़ चल रहा है.
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