भारतीय सेना ने शनिवार को कश्मीर में बर्फबारी के बीच गंभीर हालत में एक गर्भवती महिला को निकालने में नागरिक प्रशासन की सहायता की. उसे जवानों ने अपना खून दिया और हवाई मार्ग से बेहतर इलाज के लिए ले जाया गया.
चित्रकूट निवासी नुसरत बेगम को शनिवार का शाम को प्रसव पीड़ा होने पर एसडीएच करनाह में भर्ती कराया गया था.इलाके में पिछले सात दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी के कारण एनएच 701 बंद हो गया है.उसे बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए सड़क मार्ग से श्रीनगर ले जाना संभव नहीं था. करनाह में विशेषज्ञों के प्रयासों के बावजूद सीमित चिकित्सा सुविधाओं के कारण मां और अजन्मे बच्चे का जीवन खतरे में था.
नागरिक प्रशासन ने सहायता के लिए सेना से अनुरोध किया. भारतीय सेना ने तुरंत कॉल का जवाब दिया और रोगी के जीवन को बचाने के लिए बड़ी संख्या में जवान स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए आगे आए. महिला को तत्काल दो यूनिट रक्तदान किया गया. इसके साथ ही उसे हेलीकॉप्टर द्वारा तत्काल ले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई.
एसडीएच करनाह में चिकित्सा विशेषज्ञों की सहायता के लिए तंगधार से सेना के डॉक्टर को तुरंत भेजा गया. जल्दी हवाई निकासी सुनिश्चित करने के लिए जेसीबी का उपयोग करके थोड़े समय में हेलीपैड पर जमी बर्फ को साफ कर दिया गया.मरीज को तुरंत बाहर निकालने के सभी प्रयास किए गए लेकिन खराब मौसम के चलते हैलीकाप्टर रविवार की सुबह उड़ान भर सका.
भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के संयुक्त प्रयासों से नुसरत बेगम और एक अन्य 10 महीने के शिशु को रविवार को सुबह श्रीनगर तक सफलतापूर्वक हवाई मार्ग से पहुंचाया गया. भारतीय सेना ने स्थानीय आबादी में अपने प्रति विश्वास और मजबूत किया है.