'यह पंजाब है, भारत नहीं'... : चेहरे पर तिरंगा बनाकर स्वर्ण मंदिर जा रही थी युवती को रोका, Video Viral

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अधिकारी ने इस पूरे मामले पर माफी मांगी है, लेकिन दावा किया कि महिला के चेहरे पर जो पेंटिंग थी वो भारतीय ध्वज की नहीं थी. क्योंकि उसमें अशोक चक्र नहीं था.

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शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अधिकारी ने इस पूरे मामले पर माफी मांगी है.
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युवती को स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करने से रोका.
युवती के फेस पर भारतीय ध्वज की पेंटिंग थी.
गार्ड ने युवती के साथ बहस भी की.
नई दिल्ली:

एक युवती को भारतीय ध्वज की फेस-पेंटिंग के कारण स्वर्ण मंदिर में जाने से रोक देने का मामला सामने आया है. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है. जिसमें एक गार्ड और युवती बहस करते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में गार्ड कहते हुए सुनाई दे रहा है कि ये भारत नहीं है, ये पंजाब है. इतना ही नहीं  इस दौरान गार्ड युवती के साथ बदसलूकी करते हुए भी दिखाई दिया. 

इस वीडियो की पुष्टि एनडीटीवी नहीं कर रहा है.

दरअसल जिस युवती के साथ गार्ड ने बदसलूकी की उसने अपने चेहरे पर तिरंगा बना रखा था. आरोप है कि युवती के चेहरे पर तिरंगा बना होने के कारण उसे स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया. 

वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee, एसजीपीसी) के अधिकारी ने इस पूरे मामले पर माफी मांगी है, लेकिन दावा किया कि युवती के चेहरे पर जो पेंटिंग थी वो भारतीय ध्वज की नहीं थी. क्योंकि उसमें अशोक चक्र नहीं था.

एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि यह एक सिख धर्मस्थल है. हर धार्मिक स्थान की अपनी मर्यादा होती है... हम सभी का स्वागत करते हैं... अगर किसी ने दुर्व्यवहार किया है तो हम माफी चाहते हैं. युवती के चेहरे पर लगा झंडा हमारा राष्ट्रीय ध्वज नहीं था. क्योंकि उसमें अशोक चक्र नहीं था. यह एक राजनीतिक झंडा हो सकता था." 

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