सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी ने एनडीटीवी को "बनेगा स्वस्थ इंडिया" मुहिम के लिए बधाई दी. गडकरी पिछले कुछ सालों से हर बार इस कार्यक्रम से जुड़ते आ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि हेल्थ जैसी चीजें इनके बारे में सोचना, समझना और क्योंकि आप सरकार में हैं, उसको केंद्र बिंदु बनाकर काम करना कितना जरूरी है? इस पर उन्होंने कहा कि हमारे समाज के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ हैं- इथीक्स, इकोनॉमी और इकोलॉजिएल एंवायरमेंट. और वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण के कारण हमारे स्वास्थ्य में बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. सरकार ऐसी पॉलिसी ला रही है, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी.
नितिन गडकरी ने प्रदूषण के दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए कह कि दिल्ली जैसे शहरों में प्रदूषण को लेकर अध्ययन किया गया, तो पहा चला कि इससे हमारी जिंदगी 10 साल तक कम हो रही है. इसलिए मेरा सुझाव है कि महात्मा गांधी ने जो स्वास्थ्य भारत अभियान शुरू किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी इस मुहिम को गंभीरता से आगे बढ़ाया, तो हम कचरे में वैल्यू क्रिएट करें. 2 अक्टूबर के लिए इस बार हमने संकल्प किया है कि हम लोग जो सॉलिड कचरा है, उसे सड़क निर्माण में इस्तेमाल करने के लिए पूरे देश के लिए एक पॉलिसी लॉन्च कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया सीजन-10 के दौरान ग्रीन विजन को साझा करते हुए कहा, "हम प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. एक दिन आएगा, जब कोई पेट्रोल और डीजल पंप नहीं होंगे. इसके बजाय, हमारे पास इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इथेनॉल पंप और चार्जिंग स्टेशन होंगे. एलएनजी और सीएनजी पराली से तैयार किए जाएंगे. केंद्र के पास कार्बन डाइऑक्साइड से इथेनॉल उत्पन्न करने की एक परियोजना है. हम धीरे-धीरे, अपशिष्ट और प्रदूषण पैदा करने वाले तत्वों से वैल्यू क्रिएट के लिए टेक्नेलॉजी का उपयोग करके एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं."
नितिन गडकरी ने कहा कि कोई भी सामग्री बेकार नहीं है और कोई भी व्यक्ति बेकार नहीं है. यह उचित तकनीक और नेतृत्व की दृष्टि पर निर्भर करता है कि आप कचरे को धन में बदल सकते हैं.
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