दिग्गज राजनेता शरद पवार (Sharad Pawar) की बेटी सुप्रिया सुले ने अपने पिता की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों में से एक के रूप में चुने जाने के बाद रविवार को भाई-भतीजावाद के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने सवाल किया कि किस पार्टी में भाई-भतीजावाद नहीं है? एनसीपी नेता ने कहा कि इस मुद्दे पर आप सेलेक्टिव नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब हम भाई-भतीजावाद की बात करते हैं तो हम प्रदर्शन के बारे में बात क्यों नहीं करते हैं. मेरे संसदीय आंकड़ों को आप देखिए. संसद मेरे पिता, चाचा या मेरी मां द्वारा नहीं चलाई जाती है. लोकसभा के आंकड़े बताते हैं कि मैं चार्ट में सबसे ऊपर हूं. वहां कोई भाई-भतीजावाद नहीं है.
गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को इन खबरों को खारिज कर दिया था कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने से उनके भतीजे अजित पवार नाराज हैं. पवार ने कहा था कि सुझाव उन्होंने (अजीत पवार ने) ही दिया था. इसलिए, उनके खुश या नाखुश होने का सवाल ही कहां है.
सुप्रिया सुले के लिए राजनीति नई नहीं है. 2006 में उप चुनाव में निर्विरोध चुने जाने के बाद वो राज्यसभा में आई थी तब बाला साहब ठाकरे ने उनके लिए बीजेपी को अपना उम्मीदवार ना खड़ा करने के लिए दबाव बनाया था और सफल रहे थे. सुप्रिया लगातार तीसरी बार बारामती लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं.
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