लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि देश के दल-बदल विरोधी कानून की समीक्षा के लिए महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की अगुवाई में एक समिति गठित की जाएगी. उन्होंने यहां 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के बाद यह घोषणा की.
संविधान की दसवीं अनुसूची में निर्वाचित और नामांकित सदस्यों को अपने राजनीतिक दल को छोड़ने से रोकने और विधायकों के पाला बदलने की समस्या पर रोक लगाने के लिए कड़े प्रावधान हैं.
बिरला ने कहा कि नार्वेकर दलबदल विरोधी कानून की समीक्षा के लिए गठित की जाने वाली समिति की अध्यक्षता करेंगे.
नार्वेकर ने 2022 में शिवसेना में फूट के बाद दलबदल विरोधी कानून के तहत पार्टी के दोनों धड़ों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए दायर याचिकाओं पर इस महीने की शुरुआत में अपना फैसला दिया था.
नार्वेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो गुटों द्वारा दायर ऐसी ही याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रहे हैं.
संसद में हटायी गयी टिप्पणियों के प्रकाशन और प्रसारण पर एक सवाल पर बिरला ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.''