दलित बस्ती में हिंसा करने के आरोप में 98 अभियुक्तों को हुई उम्रकैद, कर्नाटक की अदालत ने क्यों सुनाया ये फैसला, पढ़ें

यह पूरा विवाद एक फिल्म की टिकट को लेकर शुरू हुआ था. बाद में इसमें गांव के कुछ लोग शामिल हुए और उन्होंने दलित बस्ती पर हमला कर दिया. पुलिस ने इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
कर्नाटक की कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
नई दिल्ली:

कर्नाटक के कोप्पल की अदालत ने दलित बस्ती में हिंसा करने के आरोप की सुनवाई करते हुए 98 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जिन अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है वो ऊंची जाति से हैं.पूरा मामला 28 अगस्त 2014 को कोप्पल जिले की माराकुंबी गांव का है. कोर्ट ने इस मामले में 21 अक्टूबर को आरोपियों को दोषी ठहरा दिया था, इस मामले में कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया है. 

फिल्म की टिकट को लेकर हुआ था बवाल 

बताया जा रहा है कि पूरा बवाल फिल्म की टिकट को लेकर हुआ था. 27 अगस्त 2014 को टिकट को लेकर युवाओं के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद 28 अगस्त की रात को अनुसूचित जाति के घरों में ऊंची जाति के लोगों ने आग लगाई और मारपीट की.बाद में ऊंची जाति के लोगों ने अनुसूचित जाति का सामाजिक बहिष्कार किया है. उस दौरान पुलिस को हालात को नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. बताया जाता है कि इस मामले का मुख्य आरोपी मंजूनाथ नाम का शख्स है. जो उस दिन अपने दोस्त के साथ फिल्म देखने गया था. वहां उसकी किसी अनजान शख्स से टिकट को लेकर लड़ाई हो गई थी. अपने गांव वापस आने के बाद उसने बताया था कि जिस शख्स से उसकी लड़ाई हुई ती वह अनुसूचित जाति की कॉलोनी का रहने वाला है.

ट्रायल के दौरान 11 आरोपियों की  हुई मौत

इस घटना के बाद से कोर्ट में यह मामला 10 साल तक चला. इस दौरान 11 आरोपियों की मौत हो गई. जबकि जांच के दौरान दो आरोपी नाबालिग भी निकले थे.पुलिस की दस साल की मेहनत के बाद इस मामले में आरोपियों को सजा हो सकी है. 

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: महागठबंधन में ओवैसी पर असमंजस क्यों? | Bihar Politics | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article