परमाणु पनडुब्बी में तैनात होने वाली वो खतरनाक मिसाइल, जिसने आने से पहले ही उड़ा दी पाक-चीन की नींद

K6 मिसाइल को डीआरडीओ के हैदराबाद के एडवांस नेवल सिस्टम लेबोरेटरी विकसित कर रही है. इसे भारत की सबसे अत्याधुनिक और घातक मिसाइल कह सकते है. इसे परमाणु पनडुब्बी में तैनात किया जाएगा.

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नई दिल्ली:

नौसेना के पिटारे में एक खतरनाक मिसाइल आने जा रही है. इस मिसाइल को रोक पाना तो पाकिस्तान के लिए असंभव ही हैं. इससे बच पाना चीन के लिये भी काफी मुश्किल हैं. रफ्तार है इसकी साढ़े आठ हजार किलोमीटर से प्रतिघंटे से भी ज्यादा. रेंज भी करीब करीब  आठ हजार किलोमीटर के आसपास है. इस स्पीड में अगर कोई मिसाइल दुश्मन पर हमला करती है तो उससे भला कौन बच पाएगा. हम बात कर रहे K6 मिसाइल की.

मिसाइल को रोक पाना, पाकिस्तान के लिए असंभव
नौसेना के पिटारे में एक खतरनाक मिसाइल आने जा रही है. इस मिसाइल को रोक पाना तो पाकिस्तान के लिए असंभव ही हैं. इससे बच पाना चीन के लिये भी काफी मुश्किल हैं. रफ्तार है इसकी साढ़े आठ हजार किलोमीटर से प्रतिघंटे से भी ज्यादा. रेंज भी करीब करीब आठ हजार किलोमीटर के आसपास है. इस स्पीड में अगर कोई मिसाइल दुश्मन पर हमला करती है तो उससे भला कौन बच पाएगा. हम बात कर रहे K6 मिसाइल की.

K6 मिसाइल को डीआरडीओ के हैदराबाद के एडवांस नेवल सिस्टम लेबोरेटरी विकसित कर रही है. इसे भारत की सबसे अत्याधुनिक और घातक मिसाइल कह सकते है. इसे परमाणु पनडुब्बी में तैनात किया जाएगा. इसे एस 5 श्रेणी की परमाणु पनडुब्बी से लांच किया जा सकेगा. जानकारी के मुताबिक इस मिसाइल का डेवलमेंट स्टेज पूरा हुआ है या नहीं यह कोई बताने को तैयार नहीं है. अगर डेवलपमेंट स्टेज पूरा हो गया है तो तभी इसका टेस्ट होगा. इस बारे में भी कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं है. वजह है रणनीतिक तौर पर खतरनाक  मिसाइल के बारे में कोई कुछ कहना नहीं चाहता.

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मिसाइल को इंटरसेप्ट करना काफी मुश्किल
यह मिसाइल करीब 12 मीटर लंबा और दो मीटर ब्यास वाला है. यह तीन चरणों वाली ठोस ईधन वाली मिसाइल होगी. यह अपने पहले K-4 और K-5 से अलग होगी. करीब तीन टन वॉरहेड लेकर जा सकती है. मिसाइल हाइपरसोनिक स्पीड वाला होगी. यानि इसकी स्पीड होगी करीब 7.5 मैक यानि ध्वनि की रफ्तार से साढ़े सात गुना तेज. करीब करीब 9 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे के आसपास. इतनी तेज रफ्तार की वजह से इस मिसाइल को इंटरसेप्ट करना काफी मुश्किल होगा. अगर दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को पता भी लग जाता है तो आपको रियक्ट करने का टाइम ही नही देता है. यह एमआईआरवी ( मल्टीपल टारगेटेड रिएंट्री व्हीकल) तकनीक से लैस होगा. इसके जरिये एक मिसाइल कई लक्ष्य पर एक साथ हमला कर सकता है.

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दुनिया में भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास ऐसी तकनीक है जो समंदर से दागी जाने वाली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है. इसके सफल परीक्षण से नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. आप कुछ ऐसे समझिए जब हमारा दुश्मन ब्रहोम्स से इतना खौफ खाता है तो यह मिसाइल तो ताकत के मामले में ब्रहोम्स का बाप है और यह जब मैदान में उतरेगा तो फिर दुश्मन कहां ही नजर आयेंगे.

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