गोद में 2 महीने का बच्चा, आंखों में इंतजार... 300 फीट गहरी खदान में 4 दिन से फंसे पति का इंतजार कर रही बेबस जूनु

2 महीने के बच्चे की मां जूनु ने कहा कि जाने से पहले उन्होंने दोपहर करीब 1 बजे मुझसे बात की. कुछ पता नहीं चल पा रहा. अब हमें कुछ नहीं पता, हमारा क्या होगा? हमारे दो महीने के बच्चे का क्या होगा.

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असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो स्थित 300 फीट गहरी कोयला खदान में 8 मजदूर करीब 4 दिनों से फंसे हुए हैं. इस हादसे में एक मजदूर की लाश भी बरामद हो चुकी है, बाकी मजदूरों के परिजन अपनों के सकुशल बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं. मजदूरों के परिवारों में चिंता का माहौल है और उन्हें किसी अनहोनी का डर सताने लगा है. एक 2 महीने के बच्चे की मां भी अपने पति का बेसब्री से इंतजार कर रही है. 27 वर्षीय लिजान ने खदान में जाने से पहले अपनी पत्नी से बात की थी. उसकी पत्नी जूनु तब से अपने पति के बारे में कोई खबर नहीं सुन पाई है. अब वह इस बात को लेकर चिंतित है कि उनके 2 महीने के बच्चे का क्या होगा? क्योंकि वह परिवार का एकमात्र रोटी कमाने वाला था और अब वह लापता है.

अब नहीं पता, हमारा क्या होगा : 2 महीने के बच्चे की मां जूनु

जुनू ने कहा कि जाने से पहले उन्होंने दोपहर करीब 1 बजे मुझसे बात की. कुछ पता नहीं चल पा रहा. अब हमें कुछ नहीं पता, हमारा क्या होगा? हमारे दो महीने के बच्चे का क्या होगा. बता दें कि उनके पति लिजान असम खदान क्षेत्र में पले-बढ़े थे और युवावस्था में उन्होंने कोयला काटना अपना पेशा बना लिया था.

जूनु के पिता बोले- सरकार कुछ करे

जुनू के पिता कृष्ण प्रधान ने NDTV को बताया कि पहले मैंने भी कोयला खदानों में काम किया है. लेकिन अब उन्होंने बहुत गहराई तक खुदाई कर दी है. इसलिए यह हुआ है. मेरी बेटी का एक बच्चा है. उनका क्या होगा? सरकार को इसके बारे में कुछ करना चाहिए. उन्होंने आगे दुख जताते हुए कहा कि असम के कैबिनेट मंत्री दुर्घटना स्थल पर हैं. शीर्ष अधिकारी आ रहे हैं, लेकिन कोई भी पीड़ित परिवारों से मिलने या उन्हें सांत्वना देने के लिए आगे नहीं आया है. कृष्णा ने कहा कि कई परिवार यहां इंतजार कर रहे हैं. लेकिन न तो हमें मंत्रियों, शीर्ष अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी गई है और न ही सरकार ने अब तक कोई सहायता प्रदान की है. यहां तक ​​कि वे सांत्वना देने भी नहीं आए.

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कब और कैसे हुआ हादसा?

दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में स्थित रैट माइनर्स की 300 फीट गहरी कोयला खदान में 6 जनवरी को 9 मजदूर कोयला निकाल रहे थे, तभी खदान में पानी भरने लगा और वे फंस गए. 7 जनवरी को भारतीय सेना और नेवी की टीम रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंची, और नेवी के गोताखोर खदान के अंदर गए. 8 जनवरी को एक मजदूर का शव निकाला गया, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान नेवी का रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) भी फेल हो गया. 9 जनवरी को रेस्क्यू ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया है, जिसमें अब मोटर से पानी निकाला जा रहा है और इसके बाद मैन्युअल सर्च ऑपरेशन किया जाएगा. पुलिस ने बुधवार को खदान के मालिक पुनीश नुनिसा को गिरफ्तार कर लिया.
 

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