जम्मू-कश्मीर में इस साल 55 विदेशी आतंकवादियों सहित 76 आतंकियों को मार गिराया गया. आतंकवादियों के 291 सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया और जन सुरक्षा अधिनियम के तहत आतंकवादियों से जुड़े 201 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने शनिवार को यह जानकारी दी.
स्वैन ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में अब सिर्फ 31 स्थानीय आतंकवादी ही बचे हैं, जो अब तक की सबसे कम संख्या है जबकि इस साल आतंकवाद का रास्ता चुनने वाले स्थानीय लोगों की संख्या में 80 फीसदी की कमी देखी गई है.
उन्होंने बताया, ''हमने 48 आतंकवाद रोधी अभियानों में 55 विदेशी आतंकवादियों सहित 76 आतंकियों को मार गिराया. ज्यादा से ज्यादा विदेशी आतंकवादियों को मार गिराने का सिलसिला 2022 से शुरू हुआ और इस साल भी जारी रहा. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि हमारी वास्तविक लड़ाई घुसपैठियों के खिलाफ है.''
उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद रोधी अभियान अगले साल और अधिक उत्साह के साथ जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि 31 ऐसे स्थानीय आतंकवादियों की पहचान की गई है, जो सक्रिय हैं और यह संख्या अब तक की सबसे कम है. अधिकारी ने बताया कि जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ में चार और घाटी में 27 स्थानीय आतंकी सक्रिय हैं.
उन्होंने बताया, ''इस साल आतंकवाद का रास्ता चुनने वालों की संख्या में 80 प्रतिशत की गिरावट आई है. साल-दर-साल की तुलना से पता चलता है कि 2022 में 130 स्थानीय लोगों ने आतंकवाद का रास्ता चुना जबकि इस साल अब तक यह संख्या सिर्फ 22 है. हम आतंकवाद का रास्ता चुनने वालों को पूरी तरह से रोकने की कोशिश करेंगे, जो हिंसा के चक्र को समाप्त करने के लिए बेहद जरूरी है.''
स्वैन ने बताया, ''जब लोग आतंकवाद का रास्ता चुनते हैं तो कार्रवाई होती है और लोग मरते हैं, जिससे यह चक्र जारी रहता है. मैं आतंकवाद में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में कमी को इस साल 113 लोगों को मारे जाने से बचाने के रूप में देख रहा हूं.''
उन्होंने बताया कि पिछले साल आतंकवादियों द्वारा 31 लोगों की हत्या किए जाने के मुकाबले इस साल यह आंकड़ा 14 का रहा. जबकि आतंक से संबंधित घटनाएं 2022 में 125 से घटकर 2023 में 46 ही रह गईं, जो 63 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.
अधिकारी ने बताया, ''पिछले साल 14 अधिकारी शहीद हुए थे जबकि इस साल एक पुलिस उपाधीक्षक और एक निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मी शहीद हुए. इस तरह के मामलों में 71 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.''
पुलिस प्रमुख ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 89 आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया और 18 आतंकवादी ठिकानों का पता लगाया गया. उन्होंने बताया कि इमारतों, भूमि, बगीचों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों सहित 170 करोड़ रुपये से अधिक की 99 संपत्तियां कुर्क की गईं और 68 बैंक खातों से लेनदेन बंद कर दिया गया.
उन्होंने बताया कि अलगाववाद और आतंकवाद का प्रचार करने वाले आठ हजार से अधिक फर्जी सोशल मीडिया खातों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ क्षेत्र के जंगलों में विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की बात को स्वीकार करते हुए स्वैन ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण से आतंकवाद का सफाया करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों के समर्थन से आतंकवादी जंगलों के अंदर छिपकर काम कर रहे हैं, जिनकी संख्या 'बहुत सीमित' है. जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ जिलों में इस साल आतंकवादी गतिविधियों में तेजी देखी गई. इन जिलों में आतंकी घटनाओं में सेना के 19 जवान शहीद हुए और सात नागरिक मारे गए. सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में कम से कम 25 आतंकवादी भी मारे गए. इनमें से ज्यादातर आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मारे गए. सुरक्षा बलों ने घुसपैठ के कई प्रयासों को नाकाम करते हुए इन आतंकियों को मार गिराया.
पुलिस प्रमुख ने जम्मू में संवाददाताओं को बताया, ''राजौरी-पुंछ क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति थोड़ी नाजुक है लेकिन हम सार्वजनिक रूप से अपनी रणनीति पर चर्चा नहीं कर सकते. हालांकि जनता को यह जानने का अधिकार है कि वहां ज्यादातर विदेशी आतंकवादी हमारे ही क्षेत्र के कुछ चुनिंदा लोगों के समर्थन से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, जिसमें कोई संदेह नहीं है.''