कहा जाता है कि अंतरिक्ष एक रहस्य है, जिसे समझना अभी हमारे लिए एक चुनौती है. देश-विदेश के शोधार्थी और वैज्ञानिक लगातार अंतरिक्ष पर रिसर्च करते रहते हैं. इसके कारण हम ग्रहों का पता लगा पाए हैं, दिन-रात के बारे में हमें जानकारी मिली है. आए दिन हमें अंतरिक्ष पर कई ऐसी जानकारियां मिलती रहती हैं, जिन्हें जानने के बाद हम दंग हो जाते हैं. अभी हाल में एक ऐसी घटना होने वाली है, जो हमें आश्चर्य में डाल रही है. दरअसल, जनवरी के अंत तक 7 ग्रह एक साथ एक रेखा पर मौजूद रहेंगे. आप 2 ग्रहों को छोड़कर बाकी अन्य ग्रहों को नंगी आखों से देख सकते हैं.
कब होने वाली है ये घटना?
रिपोर्ट के मुताबिक, 28 फरवरी को सभी 7 ग्रह यानी शनि, बुध, नेपच्यून, शुक्र, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल आकाश में एक सीध में आ जाएंग. इसे खगोलशास्त्री और वैज्ञानिक एक दुर्लभ ग्रह संयोग कह रहे हैं. हालांकि एक ही समय में कुछ ग्रहों (Planets) का सूर्य के एक ही तरफ एक ही रेखा में होना असामान्य बात नहीं है, लेकिन जब सभी ग्रह एक रेखा में आ जाएं तो यह घटना निश्चित रूप से दुर्लभ है. इसे देखने के लिए कई शोधार्थी और वैक्षानिक तैयारियां भी कर चुके हैं. 21 जनवरी को 6 ग्रहों को एक साथ देखा गया था.
इसे प्लेनेटरी एलाइनमेंट कहते हैं
रिपोर्ट के मुताबिक, जब सौरमंडल में दो या दो से ज्यादा ग्रह एक सीध में आ जाते हैं तो इसे ही 'प्लेनेटरी एलाइनमेंट' या 'प्लेनेट की परेड' के नाम से जाना जाता है. सीधे-सीधे शब्दों में समझ सकते हैं कि एक रेखा पर दो या दो से अधिक ग्रहों का होना. देखा जाए तो यह घटना सामान्य नहीं होती है. इसे बेहद ही दुर्लभ घटना माना जाता है. हालांकि इस दुर्लभ घटना को धरती के लोग आराम से देख सकते हैं.
कहां से दिखेगा यह नजारा
ग्रहों की परेड देखने के लिए शहर की रोशनी से दूर किसी खुले क्षेत्र या पहाड़ी पर जा सकते हैं. यदि मौसम साफ है, तो आप नेप्च्यून और यूरेनस को छोड़कर अधिकांश ग्रहों को नग्न आंखों से देख पाएंगे. दूरबीन की मदद से आप इन दो ग्रहों को भी साथ देख सकेंगे.
तीन से आठ तक ग्रहों की कोई भी संख्या एक संरेखण बनाती है. पांच या छह ग्रहों का एक साथ दिखना एक बड़े संरेखण यानी लार्ज अलाइनमेंट (Large Alignment) के रूप में जाना जाता है, जिसमें पांच-ग्रह संरेखण छह की तुलना में काफी अधिक बार होता है. हालांकि, सात-ग्रह संरेखण सबसे दुर्लभ है.
स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, "हालांकि यह सच है कि वे (ग्रह) कमोबेश आकाश में एक रेखा के साथ दिखाई देंगे, जोकि ग्रह हमेशा ही करते हैं. इस रेखा को एक्लिप्टिक कहा जाता है और यह सौर मंडल के उस तल का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें ग्रह सूर्य परिक्रमा करते हैं."
"संयोगवश, यही कारण है कि हम कभी-कभी आकाश में ग्रहों को एक-दूसरे के करीब आते हुए देखते हैं, क्योंकि जब वे ब्रह्मांडीय रेसट्रैक के चारों ओर घूमते हैं तो हम उन्हें एक रेखा के साथ देखते हैं."