धारा 370 हटने के 6 साल: कितना बदला जम्मू-कश्मीर? आतंक, चुनाव और विकास की पूरी कहानी

जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के छह साल पूरे हो रहे हैं. इस कदम के कारण जम्मू और कश्मीर में शासन, बुनियादी ढांचे और नागरिक भागीदारी में बड़ा बदलाव आया है.

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जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में स्थित विश्व विख्यात डल झील.
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  • 2019 में केंद्र सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को भारतीय संविधान के तहत पूर्ण राज्य बनाया था.
  • धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनावों में भागीदारी बढ़ी और विकास के कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू हुए.
  • 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ और 80 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है.
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1947 में जब भारत को आजादी मिली तब यहां करीब 527 रिसायते थीं, इन रियासतों के सामने 3 विकल्प थे- 

  • वो भारत के शामिल हो सकते थे. 
  • पाकिस्तान के साथ जा सकते थे.
  • स्वतंत्र देश के रूप में रह सकते थे.

अंग्रेजों ने जाते-जाते भी बड़ा झगड़ा लगा दिया था. सरदार पटेल और पंडित नेहरू की राजनीतिक-कूटनीतिक पहलों से कई रियासते भारत के साथ जुड़ती गई. लेकिन मामला अटका धरती के स्वर्ग कहलाने वाले जम्मू-कश्मीर पर. पाकिस्तान के करीब स्थित जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह ने अंतिम दम तक अपनी रियासत को स्वतंत्र देश बनाए रखने की कोशिश की. लेकिन मुस्लिम बहुल कश्मीर पर पाकिस्तान की तिरछी नजर बनी रही. फिर कबालियों के जरिए पाक सेना ने कश्मीर पर हमला बोल दिया. जब राज हाथ से जाता दिखा तब हरि सिंह ने भारत में शामिल होने की सहमति दी. फिर जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना. लेकिन धारा 370 के कारण जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला रहा. 

इस दर्जे के कारण भारत का अभिन्न अंग होने के बाद भी जम्मू कश्मीर में भारत के कई कानून लागू नहीं होते थे. साल 2019 में जब नरेंद्र मोदी की सत्ता लगातार दूसरी बार सत्ता में आई तो केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को दिए धारा 370 को समाप्त कर दिया. जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त हुए अब 6 साल पूरे होने को है. ऐसे में यह चर्चा मौजूं है कि इस स्पेशल स्टेटस के हटने 6 साल बाद जम्मू साल कितना बदला. इस रिपोर्ट में चर्चा इसी की. 

5 अगस्त 2019 को हटा धारा 370 

जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के छह साल पूरे हो रहे हैं. इस कदम के कारण जम्मू और कश्मीर में शासन, बुनियादी ढांचे और नागरिक भागीदारी में बड़ा बदलाव आया है. इस फैसले के तहत राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किया गया और उसे पूरी तरह भारतीय संविधान के ढांचे में शामिल किया गया. 

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धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में हुए चुनाव

राजनीतिक बहस के बावजूद सरकार का ध्यान जनकल्याण, लोकतंत्र को मजबूत करने और आर्थिक विकास पर है. सबसे स्पष्ट परिवर्तनों में से एक लोकतंत्र में भागीदारी बढ़ी है. धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास की रफ्तार तेज हुई. परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा चुनाव भी हुए. आतंकवादी घटनाओं में भी गिरावट आई.  

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धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनावों में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. 2020 में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव पहला बड़ा कदम था. 2024 के राज्य विधानसभा चुनावों ने राजनीतिक भागीदारी को और मजबूत किया, जिसमें दक्षिण कश्मीर के उभरते सरपंचों सहित युवाओं और महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही.

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विकास ने पकड़ी रफ्तार, IIT मेडिकल कॉलेज खुले

इसके अलावा, शिक्षा और सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिला है. आईआईटी जम्मू, एम्स अवंतीपोरा (2025 तक शुरू होने की उम्मीद), और रियासी में मेडिकल कॉलेज से शिक्षा का दायरा बढ़ा है. दूरदराज के क्षेत्रों से यूपीएससी क्वालिफायर भी निकले और जॉब फेयर ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं.

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2019 के बाद 80 हजार करोड़ का निवेश

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 के बाद 80,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जिससे रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा मिला. बुनियादी ढांचे में तेजी आई. साथ ही उदहमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) अब पूरी तरह चालू है, जो घाटी को देश से जोड़ता है.

कई टनल बने, पर्यटन की रफ्तार बढ़ी

जोजी ला टनल (2026), जोड-मोर्ह टनल, और बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल जैसे प्रोजेक्ट्स से आवागमन बेहतर हो रहा है. मार्च 2025 तक भारतनेट के तहत 9,789 फाइबर-टू-होम कनेक्शन शुरू किए गए, जिससे डिजिटल पहुंच बढ़ी. इसके अलावा, पर्यटन में भी उछाल आया है. 2024 में श्रीनगर को यूनेस्को ने 'वर्ल्ड क्राफ्ट सिटी' का दर्जा दिया है.

35 से बढ़कर 125 हुई रोजाना श्रीनगर की फ्लाइटों की संख्या

श्रीनगर के लिए रोजाना उड़ानें 2019 में 35 से बढ़कर 2024 में 125 हो गई हैं. इको-टूरिज्म, हेरिटेज होमस्टे, और कारीगरों द्वारा अनुभव आधारित पर्यटन से रिकॉर्ड पर्यटक आ रहे हैं, जिससे स्थानीय आजीविका को बढ़ावा मिला.

राजनीतिक विवाद के बावजूद सरकार का दावा है कि धारा 370 हटाने से समावेशी विकास, लोकतांत्रिक नवीकरण और जम्मू-कश्मीर में दीर्घकालिक शांति की नींव रखी गई है.

दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज बना

चिनाब ब्रिज बना. जिसकी ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से भी ज्यादा है. यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है, जिसे इस तरह से बनाया गया है कि यह भूकंप और तेज हवाओं को भी झेल सकता है. वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन शुरू किया. 

अब बात आतंक, घटनाएं कमी लेकिन अंत का अभी भी इंतजार

चुनाव और विकास की चर्चा तो हो गई अब बात आतंकवाद की, जिसकी जद में पड़ कर जम्मू कश्मीर के कई साल बर्बाद हुए. धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं पर कमी आई. हालांकि पूरी तौर पर आतंकवाद की समाप्ति का इंतजार अभी भी है. धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में पहलगाम जैसी आतंकी हमला हुआ. जिसमें 26 बेगुनाह सैलानियों की निर्मम हत्या की गई. 

हालांकि इस हमले के बाद भारत में पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के जरिए बड़ा प्रहार किया. जिसके बाद तिलमिलाए पाकिस्तान ने भारत पर सैन्य कार्रवाई की, लेकिन इस सैन्य कार्रवाई का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया. अब कश्मीर लगातार विकास के ग्राफ पर बढ़ता जा रहा है. उम्मीद है कि धरती का स्वर्ग हमेशा स्वर्ग बना रहे. अपनी इंसानियत को सदैव रखें. 

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