RRTS कॉरिडोर के दिल्ली सेक्शन में 6 स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित, बेहद चुनौतीपूर्ण था काम 

करीब 40 से 50 मीटर चौड़े गाजीपुर ड्रेन के समीप स्टील स्पैन की स्थापना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था. यहां मौजूद व्यस्त सड़कों और दिल्ली जल बोर्ड की बड़ी पाइप लाइनों की वजह से भी चुनौती बढ़ गई थी.

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करीब 40 से 50 मीटर चौड़े गाजीपुर ड्रेन के समीप स्टील स्पैन की स्थापना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था.
नई दिल्‍ली:

एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस कॉरिडोर (RRTS corridor) के दिल्ली सेक्शन में स्थापित किए जा रहे सभी छह स्पेशल स्टील स्पैन सफलतापूर्वक स्थापित कर दिए हैं. यह स्पेशल स्टील स्पैन न्यू अशोक नगर से आनंद विहार की ओर गाजीपुर ड्रेन और कोंडली चौराहे को पार करने के लिए स्थापित किए गए हैं. इन स्टील स्पैन को एक के बाद एक क्रम में स्थापित किया गया है, जिससे यह आरआरटीएस कॉरिडोर पर स्पेशल स्टील स्पैन को जोड़कर तैयार किया जाने वाला अब तक का सबसे लंबा स्टील स्पैन वायाडक्ट खंड बन गया है. इन 6 स्पेशल स्टील स्पैन की कुल लंबाई 360 मीटर है. 

आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण कार्य सराय काले खां से आगे बढ़ते हुए गाजीपुर ड्रेन के समानांतर आगे बढ़ता है और इन छह स्टील स्पैन की स्थापना के साथ ही अब गाजीपुर ड्रेन को पार कर लिया है. 

इन 6 स्पेशल स्टील स्पैन में से 3 करीब 70-70 मीटर लंबे और 540 (प्रत्येक) टन वजनी हैं और बाकी 3 करीब 50- 50 मीटर लंबे और 380 (प्रत्येक) टन वजनी हैं. इन सभी स्पेशल स्टील स्पैन की चौड़ाई लगभग 14 मीटर है. 

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करीब 40 से 50 मीटर चौड़े गाजीपुर ड्रेन के समीप स्टील स्पैन की स्थापना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था. यहां मौजूद व्यस्त सड़कों और दिल्ली जल बोर्ड की बड़ी पाइप लाइनों की वजह से भी चुनौती बढ़ गई थी. यहां की पिलर्स की नींव के निर्माण के लिए उच्च क्षमता वाली क्रेनों का प्रयोग किया गया. साइट के पास से गुजर रही हाइटेंशन लाइन ने भी पिलर्स के निर्माण की चुनौतियों को और बढ़ा दिया था. 

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ऐसी परिस्थितियों के बावजूद टीम एनसीआरटीसी ने सभी सुरक्षा के मानदंडों और सावधानियों का पालन करते हुए तमाम कठिनाइयों को सफलतापूर्वक पार किया. इन स्पेशल स्टील स्पैन को पिलर्स बनाने के बाद उनपर स्थापित किया गया है और इन स्टील स्पैन से आगे खिचड़ीपुर की दिशा में कुछ दूरी पर अंडरग्राउंड रैम्प तैयार हो रहा है, जो इस एलिवेटेड सेक्शन को अंडरग्राउंड बनाई गई टनल से होते हुए भूमिगत आनंद विहार स्टेशन से जोड़ेगा. 

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इसलिए किया जाता है स्पेशल स्पैन का उपयोग

आरआरटीएस कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन में वायाडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर निर्माण करता है. हालांकि, कुछ जटिल क्षेत्रों में जहां कॉरिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे या ऐसे अन्य मौजूदा ढांचों को पार कर रहा है, वहां पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं होता. ऐसे क्षेत्रों में पिलर्स को जोड़ने के लिए स्पेशल स्पैन का उपयोग किया जाता है. 

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स्टील स्पैन की संख्या बढ़कर 12 हुई 

इन छह स्पेशल स्टील स्पैन के स्थापित होने से 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर 70 किमी लंबे एलिवेटेड हिस्से में अब तक स्थापित किए गए स्पेशल स्टील स्पैन की संख्या बढ़कर 12 हो गई है.  

स्‍टील स्‍पैन में होते हैं स्टील से बने बीम 

इससे पहले, दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 6 स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित किये गए थे, जिनमें एक स्पैन मेरठ में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) पर, एक स्पेशल स्पैन रेलवे की मुख्य रेललाइन पर वसुंधरा में, एक स्टील स्पैन गाजियाबाद स्टेशन के पास, दो स्टील स्पैन दुहाई डिपो की ओर जा रहे आरआरटीएस वायाडक्ट के लिए और एक स्पैन ईपीई (दुहाई) को पार करने के लिये स्थापित किए गए हैं. यह विशेष स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं होती हैं, जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं. 

कारखानों में किया जाता है निर्माण 

एनसीआरटीसी स्ट्रक्चरल स्टील से बने विशेष इन स्पैन के विभिन्न पार्ट्स का निर्माण कारखानों में करता है. किसी भी तरह की ट्रैफिक समस्याओं से बचने के लिए इन पार्ट्स को रात के दौरान ट्रेलरों पर लाद कर साइट पर ले जाया जाता है और विशेष प्रक्रिया की मदद से व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़कर स्पैन का निर्माण साइट पर ही किया जाता है. इन स्टील स्पैन के आकार और संरचना को निर्माण, स्थापना और उपयोग की सभी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष तौर पर डिजाइन किया जाता है. 

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